नई दिल्ली: कालकाजी पुलिस ने नेहरू एंक्लेव में हुई डकैती की वारदात सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने रिसीवर समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन कारोबारी के यहां नौकरी कर चुके थे और एक वारदात के बाद फरार हुआ था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रुपेश कुमार, सोनू गुप्ता, मो. इम्तियाज खान, रमजान अली, सुधीर, आकाश और शमशेर सिंह उर्फ छोटू के रूप में की गई है। आरोपियों से साढ़े आठ लाख रुपए और एक करोड़ के जेवरात बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, गत 13 जून को नेहरू एंक्लेव में चौथी मंजिल पर रहने वाले कारोबारी नसीब चंद अग्रवाल, उनकी पत्नी और नौकर को हथियारबंद बदमाशों ने घर में बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया था।
फरार होने से पूर्व आरोपियों ने कारोबारी के ग्राउंड फ्लोर पर शोरूम का ताला खोलकर वहां रखे कैश पर भी हाथ साफ कर दिया था। इस दौरान आरोपी दस लाख रुपए नकद, करीब एक करोड़ रुपए के हीरे के जेवरातद और दो मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए थे।इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी तो मालूम हुआ कि सीसीटीवी कैमरा भी काम नहीं कर रहा था। डीसीपी रोमिल बानिया के अनुसार मामले को सुलझाने के लिए एसीपी कालकाजी अमित गोयल की देखरेख में एसएचओ कालकाजी वेदप्रकाश की टीम को लगाया गया। इस दौरान कारोबारी के यहां काम कर चुके पुराने नौकरों की पड़ताल की गई। इस बीच कर्मचारी सुधीर वारदात के दो दिन बाद से काम पर नहीं आया तो उस पर संदेह हुआ।
इसके बाद पुलिस ने दिल्ली, यूपी, बिहार और नेपाल में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रुपेश, सोनू, इम्तियाज, रमजान, सुधीर और आकाश को दबोच लिया। पूछताछ में मालूम हुआ कि वारदात के बाद सभी पटना आ गए थे और उन्होंने लूट का माल ठिकाने लगाने के लिए शमशेर को सौंप दिया था। इसके बाद पुलिस ने रिसीवर शमशेर को छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से पांच लाख रुपए और करीब एक करोड़ रुपए के जेवरात बरामद कर लिए गए। सभी आरोपी अभी पुलिस रिमांड पर हैं और उनसे पूछताछ जारी है।