सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ कथित भड़काऊ बयान देने के सिलसिले में पुलिस ने ‘अयप्पा धर्म सेना’ के अध्यक्ष राहुल ईश्वर को रविवार को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने की मंशा से भड़काऊ बयान देना) और 117 (जनता या 10 से ज्यादा लोगों को किसी अपराध के लिए उकसाना) के तहत कोच्चि पुलिस की एक टीम ने राहुल ईश्वर को यहां उनके मकान से हिरासत में लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शाम में उनके कोच्चि पहुंचने के बाद गिरफ्तारी दर्ज कराई जाएगी। सबरीमाला के प्रमुख पुजारियों के परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर ने पिछले हफ्ते कोच्चि में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि रजस्वला आयु वर्ग की कोई भी महिला अगर मंदिर तक पहुंचने में कामयाब होती है तो उनकी योजना है कि कुछ श्रद्धालु मंदिर के परिसर में खून बहा कर मंदिर को बंद करा सकते हैं।
राहुल ईश्वर ने यह भी दावा किया कि मंदिर में 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वाले भगवान अयप्पा के 20 श्रद्धालु मंदिर परिसर में खुद को चाकू से घायल करने के लिए तैयार थे जिससे अशुद्धता की वजह से पुजारियों को मजबूरन मंदिर बंद करना पड़ता। उन्होंने कहा था, “मंदिर के फर्श पर खून गिरने पर पुजारियों को मंदिर के शुद्धीकरण के लिए तीन दिन तक उसे बंद रखना पड़ेगा।’’
बाद में तिरुवनंतपुरम के एक निवासी ने राहुल ईश्वर के खिलाफ शिकायत की जिसपर मामला दर्ज किया गया। केरल देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने दावा किया कि पुलिस के प्रभावी हस्तक्षेप से मंदिर में खून बहाने की प्रदर्शनकारियों की मंशा को नाकाम हो गया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की ‘साजिश’ राहुल ईश्वर के बयान से साफ हो गई।