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5जी : बदल जाएगा जीवन

देश को स्लो नेटवर्क से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि देश में 5जी की सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पैक्ट्रम की नीलामी जुलाई में करने को मंजूरी दे दी है।

देश को स्लो नेटवर्क से छुटकारा मिलने वाला है, क्योंकि देश में 5जी की सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पैक्ट्रम की नीलामी जुलाई में करने को मंजूरी दे दी है। स्पैक्ट्रम की नीलामी के लिए 8 जुलाई से आवेदन शुरू हो जाएंगे और 26 जुलाई से नीलामी शुरू हो जाएगी। 15 अगस्त से इसका ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है। देश में इन सेवाओं की शुरूआत कब होगी इस संबंध में अभी तारीख तय नहीं की गई ले​िकन कहा जा रहा है कि यह सेवाएं अगले वर्ष मार्च से शुरू हो सकती हैं। भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के साथ आगे बढ़ रहा है।  5जी स्पैक्ट्रम का प्लान भारत के 5जी इकोसिस्टम में विकास का मुख्य कदम है। हालांकि 5जी का इंतजार कुछ लम्बा जरूर हाे गया है। जब भी इसकी ला​ंचिंग होने लगती है तभी कोई न कोई अड़ंगा सामने आता रहा है। कभी नीतियां, उपकरण, चीनी वेंर्ड्स फिर स्पैक्ट्रम की कीमताें से होता हुआ 5जी के हकीकत बनने का संघर्ष प्राइवेट एंटरप्राइजेज और टेलीकॉम आपरेटरों की रस्साकसी के बीच फंसा रहा है। पूरा देश अब इन सेवाओं का इंतजार कर रहा है। 5जी स्पैक्ट्रम पर हर बार नई रार छिड़ती रही है। जिन लोगों ने 5जी स्मार्ट फोन ले रखे हैं उनकी लाइफ खत्म हो रही है। 
अब तक दुनिया के 65 देशों में यह सेवा शुरू हो चुकी है। फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, चीन और रूस में भी 5जी सर्विस सुचारू रूप से चल रही है। पिछले वर्ष दूरसंचार विभाग ने यह कहा था कि देश के 14 बड़े शहरों में यह सेवा शुरू होगी और बाद में इसका विस्तार किया जाएगा। 5जी स्पैक्ट्रम काे लेकर बहुत सी बेसिर-पैर की बातें भी कही गईं। कभी इसका संबंध महामारी से जोड़ा गया। व्यर्थ की याचिकाएं भी कोर्ट में डाली गईं। टैलीकाम कम्पनियों ने सरकार से रिजर्व प्राइस में 2018 के मुकाबले 90 फीसदी कटौती करने का अनुरोध किया था। टैलीकाम सैक्टर की रेगुलेटिरी बॉडी ट्राई ने भी इसमें 2018 के मुकाबले 39 फीसदी कटौती करने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने 72097.85 मैगाहर्ट्स स्पैक्ट्रम की नीलामी के तौर-तरीकों को मंजूरी देते हुए कम्पनियों और ट्राई की सिफारिशों को ठुकरा दिया जिससे टैलीकाम कम्पनियों को तगड़ा झटका लगा है लेकिन सरकार ने यह बड़ी ढील दी है कि सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी।
स्पैक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सलाना किश्तों में किया जाएगा। बाजार की प्रतिस्पर्धा चलती रहेगी लेकिन जब भी यह सेवा शुरू होगी इससे जीवन में नए और बेहतर बदलाव आएंगे। सबसे बड़ा बदलाव तो यह आएगा कि उपभोक्ताओं को 4जी नैटवर्क के मुकाबले दस गुणा ज्यादा स्पीड मिलेगी। जहां 4जी यूजर्स को 150 एमबीपीएस की स्पीड देता वहीं 5जी नेटवर्क में इंटरनेट  की रफ्तार और बढ़ जाएगी जिससे डाउनलोड होने में कम समय लगेगा। इसमें वेब पेज लोड करने में कम समय लगेगा और हमारा जीवन, कारोबार और काम करने के तरीकें सब बदल जाएंगे। 5जी आने के बाद भविष्य की हमारी तकनीक सभी चीजों को एक-दूसरे से जोड़ देगी। घर, बगैर ड्राइवर वाली कार, स्मार्ट आफिस, स्मार्ट सिटी और उन्नत आर्टिफिशियल इंटेेलिजेंस। कई अर्थों में तकनीकों से जिन बेहतर और असम्भव बदलावों के बारे में हम अक्सर सोचते हैं, 5जी नेटवर्क से वे सब सम्भव है।
पिछले करीब तीस साल में वायरलैस तकनीक के क्षेत्र में व्यापक रूपांतरण हुआ है। 1जी के शुरूआती दिनों की जो एनालॉग सेलुलर था और आवाज ही जिसका एकमात्र माध्यम था, विशेषता यह थी कि मोबाइल टेलीफोन अपने उस प्रारम्भिक दौर में बिना तार के आवाजाही कर सकता था। काफी दिनों तक 1जी नेटवर्क रहा, जिसे 2जी ने आकर विस्थापित किया। 2जी नेटवर्क की विशेषता यह थी कि आवाज के अलावा इसमें कुछ आंकड़े भी प्रे​िषत किए जा सकते थे। यानी 2जी नेटवर्क में बात करने की सुविधा के अलावा एक-दूसरे को संदेश (एसएमएस) भेजा जा सकता था। उसके बाद 3जी और 4जी नेटवर्क आए जो अब भी प्रचलन में हैं। मोबाइल टेलीफोन की तकनीक में यह बड़ा बदलाव था, जिन्होंने वीडियो कॉल, तेजी से डाउनलोडिंग और मोबाइल पर आए कुछ नए ऐप के जरिये दूरसंचार की हमारी दुनिया ही बदल दी। यूजर्स को 10 जीबीपीएस तक की डाउनलोड स्पीड ऑफर करेगा। 5जी में यूजर्स कुछ ही सैकेंड्स में फुल लैंथ एचडी मूवीज डाउनलोड कर सकेंगे। किसी भी लिंक को तेजी से ओपन किया जा सकेगा। पांचवीं पीढ़ी की यह प्रौद्योगिकी अब तक की सबसे तेज और मजबूत तकनीक है।
5जी नेटवर्क तो लागू हो जाएगा परन्तु जिन उपकरणों पर यह तकनीकी काम करती है उनमें से ज्यादातर का निर्माण भारत में नहीं होता। हमें उपकरणों के मामले में अभी विकसित देशों पर ​निर्भर रहना होगा। यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस के क्षेत्र में खासकर हवाई अड्डों, अस्पतालों और डाटा संग्रहण में बड़ी भूमिका निभाएगी। इसके लिए हमें सभी को इस नेटवर्क के अनुरूप बनाना होगा। 5जी सपोर्ट वाले गैजेट्स हमें देश में ही तैयार करने के ​लिए तेजी से आगे बढ़ना होगा। दुनिया के लगभग सभी विकासशील देश 5जी तकनीक को विकसित करने की होड़ में लगे हुए हैं। भारत में जिस आधारभूत ढांचे की जरूरत है उसे बनाने में अभी हमें समय लगेगा। भारत में डिजिटल मार्किटिंग और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले 10 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ट्रलियन का योगदान होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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