नारी का सम्मान और भाषा की गरिमा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

नारी का सम्मान और भाषा की गरिमा

जिस देश में महिला सशक्तिकरण पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाता हो, जिस देश में महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे हों, बिजनेस, व्यापार, जमीन से आसमान तक, सड़क से संसद तक महिलाओं का बोलबाला हो वहां महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां, यह सिलसिला आखिरकार कब रुकेगा। ठीक है कि चुनाव चल रहे हैं और जीतने के लिए मुद्दे बनाए भी जाने चाहिए लेकिन यह कौन सा तरीका हुआ कि एक महिला के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की जायें और वह भी सोशल मीडिया पर। कंगना रनौत हो या ममता बैनर्जी हों। किसी भी सैलिब्रिटी के खिलाफ, किसी भी महिला के खिलाफ किसी को अभद्र टिप्पणी करने का क्या अधिकार है। मेरा मानना है कि महिलाओं के सम्मान की मर्यादा का ध्यान तो रखा ही जाना चाहिए। कभी महिलाओं की ड्रेस को लेकर टिप्पणियां, कभी यौन शौषण या रेप जैसी घटनाएं हो जाने पर नेताओं की अभद्र टिप्पणियां, यह सब कुछ ऑन दा रिकॉर्ड है। यह कब तक चलेगा? आखिरकार किसी के बारे में अपशब्द बोलना कहां तक जायज है। हमारी मां-बहनें-बेटियां उनकी भी तो कोई इज्जत है। कोई भी व्यक्ति चाहे वह हिरोइन हो या वह नृत्यांगना हो और कल को वह राजनीति में आ जाती है तो कांग्रेस की प्रवक्ता श्रीनेत को अभद्र टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। यह जान लेना चाहिए कि जिस देश में नारी को शक्ति माना जाता हो और इसी की तर्ज पर सरकार महिला सशक्तिकरण पर सारा फोकस कर रही हो ऐसे में उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणियां यह बात भारतीय लोकतंत्र में स्वीकार नहीं है।
दुनिया के नक्शे पर भारत को सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश और मंदिर के रूप में देखा जाता हो वहां चुनावों के दौरान कंगना रनौत पर फब्तियां कसना या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के बारे में भाजपा के दिलीप घोस गंदी बातें कहें तो यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। हालांकि चुनाव आयोग ने इन दोनाें ही मामलों में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है लेकिन स्त्री और पुरुष के बीच जब भेद खत्म हो रहा हो तो ऐसी टिप्पणियां क्यों की जाती हैं यह पता लगाना जरूरी है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। सोशल मीडिया पर महिलाओं को लेकर कई बार यह मांग उठी है कि वे भी हमारी मां-बहन-बेटियां हैं इसलिए चुनावों में भाषा पर नियंत्रण तो होना ही चाहिए। उन्हें पुरुष के बाराबर माना गया है लेकिन मेरा मानना है कि बराबरी का यह दर्जा केवल किताबों में सिमट कर रह गया है और आज पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता वहीं की वहीं है। दु:ख इस बात का है कि बेटी कंगना रनौत के खिलाफ टिप्पणी एक महिला ने ही की है। नारी की जिंदगी तो वैसे ही एक अलग दायरे और अलग मर्यादा में सिमटी हुई है। भारतीय नारी को शालीनता का दर्जा दिया गया है। महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। पंचायत की राजनीति से लेकर संसद तक और राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच चुकी हैं लेकिन अब उन्हें किसी भी बंधन में नहीं रखा जा सकता। आने वाले दिनों में जो लोग महिलाओं पर टिप्पणियां करते हैं इसे लेकर जो कानून पहले से बने हुए हैं उन्हें लागू करने की जरूरत है। चाहे कांग्रेस का नेता हो या भाजपा या किसी और पार्टी का अगर किसी भी महिला के खिलाफ या कोई महिला ही किसी महिला के खिलाफ टिप्पणी करती है तो उस पर एक्शन जरूरी है और कार्यवाही तुरंत की जानी चाहिए तभी बात बनेगी।
अगर नारी की मान-मर्यादा को हम स्वीकार नहीं कर सकते। कल को कोई भी महिला या पुुरुष टिप्पणी करे और चीजें सोशल मीडिया पर वायरल हो जायें तो इससे नारी के सम्मान को और भी ठेस पहुंचती है। जिस देश में नारी को लक्ष्मी, काली, सरस्वती और दुर्गा के रूप में स्वीकार किया जाता हो, जहां नारी की पूजा होती हो वहां देश की आजादी के बाद अभी भी नारी पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हों तो वह रोकी जानी चाहिए। जिस लोकतंत्र में चुनावों को पर्व कहा जाता हो और वहां चुनावों के मौके पर ऐसी गंदी टिप्पणियां की जाती हों तो देश का गौरव और महिलाओं का सम्मान सब खत्म हो जायेगा। यह एक गंभीर चेतावनी नहीं बल्कि नारी के सम्मान की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की बात है। सरकार उनकी सुरक्षा के लिए बहुत कुछ कर रही है तो हमारा मानना है कि नारी की मान-मर्यादा और इस पर अभद्र टिप्पणियों से चोट करने वालोेें को सबक सिखाने का समय आ गया है। देश की बहू-बेटियों, बहनों या माताओं के नाम से जानी जाने वाली नारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां मंजूर नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − 19 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।