कोरोना महामारी के अंधकार में अब उम्मीद की किरणें आने लगी हैं और हर कोई ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि कोरोना वैक्सीन कामयाब हो और पूरे विश्व को कोरोना वायरस से मुक्ति मिल जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना पर सर्वदलीय बैठक को सम्बोधित करते हुए उम्मीद जताई है कि दो-तीन सप्ताहों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी और वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा। एक तरफ पूरे विश्व की नजरें भारत पर लगी हुई हैं तो दूसरी ओर ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने फाइजर बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन को व्यापक इस्तेमाल की मंजूरी दी है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामक मेडिसिन एंड हैल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजैंसी ने बताया कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के संक्रमितों को 95 फीसदी तक ठीक कर सकती है और अगले हफ्ते से लांच किये जाने के लिहाज से यह सुरक्षित है। अमेरिका भी इसी माह 12 दिसम्बर से कोरोना वैक्सीन इस्तेमाल शुरू करने वाला है। यह दुनिया की सबसे तेजी से विकसित वैक्सीन है जिसे बनाने में दस महीने लगे। आमतौर पर ऐसी वैक्सीन के तैयार होने में एक दशक तक का वक्त लग जाता है।