वाह ! महाशय जी आपका जवाब नहीं, आप जैसा कोई नहीं। कोई भी दु:ख-सुख हो हमेशा आपका हाथ मेरे सिर पर रहता है और जब से वरिष्ठ नागरिक क्लब शुरू किया है आपने हमेशा मुझे प्रेरणा दी है। कभी पत्र लिखकर तो कभी फोन करके।
हर एक्टिविटीज में हिस्सा लिया। पहला हैल्थ कैम्प आपके हाथों आरम्भ हुआ। पहली किताब आशीर्वाद विज्ञान भवन में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत जी के साथ आपने रिलीज की थी। तब भी भैरों सिंह शेखावत जी आपको देखकर बहुत हैरान हुए थे कि अब इस उम्र में एक्टिव हो।
आप हमारे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सही मायने में ब्रांड एम्बेसडर हो, नाम के नहीं क्योंकि वरिष्ठ नागरिक के उद्देश्य को आप अपनी अद्भुत कार्यशैली और जीवन जीने की पद्धति से उजागर करते हो। हमारा लक्ष्य है व्यस्त रहो, मस्त रहो तो यह आप पर पूरा-पूरा ठीक बैठता है। जितना आप 97 की उम्र में काम करते हो, अनुशासित जीवन जीते हो, वह सारे वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक प्रेरणा है। व्यायाम करो तंदरुस्त रहो। यह भी आप पर फिट बैठता है। आप रोज सैर करते हो, योगा, प्राणायाम करते हो और फिट रहते हैं। तीसरा परोपकार करो, समाज के लिए काम करो, जितना आप समाज और आर्य समाज के लिए काम करते हो शायद ही किसी ने किया होगा। आप वरिष्ठ नागरिकों की बहुत सी एक्टिविटीज में हिस्सा लेते हो। यही नहीं हमारी एक सदस्य महाशय जी बनी थीं जब आप एक प्रोग्राम में मुख्य अतिथि थे। दूसरा हमारे वरिष्ठ नागरिकों ने पहला फैशन शो 2008 में ललित होटल, पब्लिक डिमांड पर दोबारा सिटी पार्क होटल में किया था। आप उसमें शो स्टोपर थे और जिस अदा से एंट्री की थी, डांस किया था, इतनी सीटियां और तालियां और शोर हाल में मचा था उतना तो शायद किसी यंग हीरो-हिरोइन की एंट्री पर भी नहीं हुआ होगा। महाशय जी हमारे क्लब के हीरो, संरक्षक हैं, जिनका सानी कोई नहीं। मेरे बेटे की शादी में इन्होंने नाना की जगह मिलनी भी की थी। यानी मैं जिन्दगी के जिस मोड़ पर देखूं इनको हमेशा अपने सिर पर हाथ रखे देखती हूं, दिल से आशीर्वाद देते हैं।
यही नहीं अब कोविड समय में हमारा ऑनलाइन डांस और रैम्प कम्पीटीशन चल रहा है तो मैंने इनसे बात की। मैं चाहती थी कि हर प्रतियोगी, ब्रांच हैड और जजों को सर्टिफिकेट मिले और अधिक से अधिक लोगों को ईनाम मिलें, क्योंकि एंट्री 1000 से ऊपर है तो इन्होंने झट से कहा, बेटा तुम चिंता न करो मैं कुछ प्राइज स्पोंसर कर दूंगा और झट से इन्होंने चैक भेजा और प्यार भरा पत्र भेजा जो मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रही हूं।
जब मैंने शुरू-शुरू में क्लब शुरू किया था तो अक्सर फोन करके पूछते थे (थकी तां नहीं लोग इक बुड्डे कोलों थक जादें ने तू तां बड़े बुड्डयां नू सम्भाल रही है)अब उन्होंने कहा किरण बेटा तूने इस मुश्किल के समय जब सारे देश पर मुश्किल है और तेरे पर भी मुश्किल है तूने इतने लोगों को डिप्रेशन से बचाया है, अकेलेपन से बचाया है, खुशियां बांटी हैं तो मेरा भी तेरा पिता तुल्य होने के नाते फर्ज बनता है, सो मैं भेज रहा हूं।
मैं सोचती हूं अगर महाशय जी जैसे 10 लोग भी भारत में पैदा हो जाएं तो बहुत सी सामाजिक संस्थाओं को काम करने के अवसर प्रदान हो जाएं, बहुत से लोगों को मार्गदर्शन मिल जाए। कुछ लोग सिर्फ भाषण देते हैं, उनकी करनी और कथनी में बहुत फर्क होता है, परन्तु महाशय जी एक मिसाल हैं जो हमारे ब्रांड एम्बेसडर तो हैं, अपने मसालों के भी हैं। आप ही हीरो हैं, आप ही डायरेक्टर और एक्टर हैं। आप लाखों-करोड़ों लोगों की प्रेरणा हो। मुझे और वरिष्ठ नागरिक क्लब को आपका हमेशा साथ चाहिए। आपकी उम्र लम्बी हो और आप हमेशा स्वस्थ रहें और आपका हाथ हमेशा हमारे सर पर रहे, जय हो।