कहां ढूंढे इस आवाज को... - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

कहां ढूंढे इस आवाज को…

कुछ दिन पहले जब यह खबर आई कि रेडियो के महान प्रस्तोता अमीन सयानी इस दुनिया को अलविदा कह गए तो यकीन नहीं हुआ। बरसों से उनकी आवाज के ​दीवानों की कोई कमी नहीं थी। सच बात तो यह है कि अमीन सयानी साहब अपनी आवाज के साथ-साथ रेडियो की भी शान थे। उनकी आवाज को सुनकर अनेक लोगों ने रेडियो में अपना करियर चुना और रेडियो जॉकी के रूप में स्था​ि​पत भी हुए। अब इस सुन्दर और पॉवरफुल आवाज को कहां से ढूंढ कर लाएं। लोग उन्हें चलता-फिरता रेडियो मानते थे। रेडियो की तरंगों पर सवार होकर अमीन सयानी की आवाज का जादू लोगों तक ऐसा पहुंचता था कि हर कोई उनकी मस्त आवाज का दिवाना था। बुधवार का वह साप्ताहिक ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम उसका कितनी बेसब्री से लोगों को इंतजार रहता था। एक घंटे में दस गाने वह टॉप और बॉटम अर्थात वरियता के आधार पर सुनाते थे और यह घंटा ऐसे लगता था कि एक सेकेंड में गुजर गया। आठ बजते थे और आवाज आती -बहनों और भाईयो मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी अब पेश है बिनाका गीत माला। संगीत का यह कार्यक्रम दस गीतों की एक ऐसी सुंदर माला थी कि हर गीत प्रस्तुतिकरण से पहले अमीन सयानी उसकी लोकप्रियता के पैमाने को जिस मस्ती से पेश करते थे मुझे लगता है कि वह संगीत की एक आत्मा थी जो एक मस्त आवाज को समेटकर अब कहीं और निकल गई है। पर मैं जानती हूं अब यह आवाज तो नहीं लेकिन इसकी गूंज हमेशा-हमेशा रहेगी।
आज का जमाना कंप्यूटर और टैक्नालॉजी का जमाना है। संपादक होने के नाते अश्विनी कुमार जी के राजनीतिक हस्तियों और अन्य सैलिब्रिटीज से रिश्ते थे। अमीन सयानी का परिचय और आज की टैक्नालॉजी के जमाने में वह जमे रहे यह उनकी आवाज और वाक्यों को प्रस्तुत करने का अंदाज था। उनकी स्क्रीप्ट कौन लिखता था कौन नहीं यह मैं नहीं जानती लेकिन 41 वर्षों तक उन्होंने श्रोताओं के दिल पर राज किया और बिनाका गीत माला और फिर बाद सिबाका गीत माला बना तो भी उन्होंने अपना खास अंदाज बनाया। सयानी साहब ने एक टीवी शो पर कहा था कि मेरी आवाज खास नहीं है मैं तो दिल की बात दिलों तक पहुंचाता हूं और श्रोताओं को बांधने की कोशिश करता हूं। वह पीठ के दर्द से परेशान रहते थे। उन्होंने अपने समय में गायकों, संगीतकारों, गीतकारों और बड़े-बड़े अभिनेताओं को देखा। किसी की नकल नहीं की बल्कि उनकी आवाज और उनके अंदाज को देखकर आज के समय में सैकड़ों रेडियो जॉकी पैदा हुए जो उन्हें आदर्श मानते हैं। सैकड़ों एंकर उन्हीं के अंदाज में अपनी बात रखते हैं लेकिन मेरा मानना है कि ऐसे लगता है कि अमीन सयानी बोलते नहीं गुनगुनाते थे और उनकी गुंजन मानो संगीत से रूबरू होकर लोगों के दिलों तक पहुंचती थी। किसी भी गाने का परिचय देना फिर उस गाने के बारे में बताना यह नैसर्गिक अंदाज अमीन सयानी का ही था।
रेडियो की दुनिया में वह फिल्मों का स्पांसर प्रोग्राम भी करते थे। फिल्मी कहानियों को प्रस्तुत करने का उनके पास प्रस्तुतिकरण के लिए एग्रीमेंट्स कागज लेकर लाइनें लगी रहती थीं। मजेदार बात यह है कि उन्होंने अंग्रेजी एनाउंसर से करियर शुरू किया और 54 हजार से ज्यादा रेडियो प्रोग्राम किये। उनकी सरल आवाज और सहज व्यक्तित्व सबको अपनी ओर खींचता था। आज अमीन सयानी की आवाज सदा गूंजती रहेगी लेकिन नई पीढ़ी उन्हें एक आदर्श के रूप में मानती है और मेरा दावा है कि उन पर रिसर्च भी चलेगी। वह किसी गीत-संगीत की फैक्ट्री से सीखकर नहीं चले। उन्होंने लोकप्रियता तय करने के लिए कोई अभ्यास नहीं किया। एक इंटरव्यू में मैंने सुना था कि वे सादगी में विश्वास रखते थे और बिना किसी तैयारी के केवल इस बात पर जोर देते थे कि सबकुछ स्वाभाविक तरीके से कह दिया जाये। कठिन से कठिन शब्दों के प्रयोग की बजाय सरल से सरल शब्दों का प्रयोग करना और सादगी में कह देना यही उनका एक खास अंदाज था जो तकनीक पर भारी पड़ता था और दिलों पर राज करता था। उनका बिछड़ना भारतीय रेडियो जॉकी जगत में एक बहुत बड़ी क्षति है। भगवान उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और यह सुंदर आवाज एक प्रेरणा के रूप में हम सबके लिए गूंजती रहेगी यही हमारी सयानी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।