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महानायक का सम्मान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मेलन से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन उनकी जापान, पापुआ न्यू गिनी और आस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान उन्हें जो सम्मान मिला, वह हर भारतीय को अभिभूत कर देने वाला है।

‘‘सदी के महानायक हो,
 भारत वर्ष का मान हो तुम,
हर व्यक्ति के दिल में बसता,
भारत का सम्मान हो तुम।
हर जगह मोदी-मोदी के नारे,
हर गली के मेहमान हो तुम
हर मां चाहे बेटा जैसा
वो बेटा आयुष्मान हो तुम।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मेलन से सम्मानित किया जा चुका है लेकिन उनकी जापान, पापुआ न्यू गिनी और आस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान उन्हें जो सम्मान मिला, वह हर भारतीय को अभिभूत कर देने वाला है। यह सम्मान उनके नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिम्ब है जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह सम्मान दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है। सौ साल में आई भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति में बंटा हुआ विश्व और संकट भरे माहौल में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह सम्भाला इससे पूरा देश तो आत्मविश्वास से भर ही उठा बल्कि पूरी दुनिया में भारत को लेकर सकारात्मकता, उम्मीदें और भरोसा बढ़ा। पूर्व के छोर पर स्थित छोटे से देश पापुआ न्यू गिनी के लोग जब गहरी निद्रा में सो रहे थे तब वहां से आई एक तस्वीर ने भारत में जबरदस्त हलचल मचा दी। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान के हिरोशिमा में आयोजित जी-7 और क्वाड समिट में हिस्सा लेने के बाद सीधे पापुआ न्यू​ ​ गिनी पहुंचे थे। पापुआ न्यू गिनी में शासकीय प्रोटोकॉल के अनुसार रात्रि, सूर्यास्त के बाद वहां शासकीय स्वागत नहीं किया जाता परन्तु इन सारे प्रोटोकाल को तोड़ कर उस देश के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने न केवल मोदी जी का स्वागत किया साथ ही एयरपोर्ट पर सबके सामने मोदी के पांव भी छूए। यह अपने आप में अभूतपूर्व है कि विश्व के इतिहास में आज तक कभी भी किसी भी राष्ट्र अध्यक्ष ने किसी दूसरे राष्ट्र अध्यक्ष के पांव सार्वजनिक रूप से नहीं छूए हैं। किसी जमाने में पेशावर से पापुआ न्यू गिनी तक हिन्दू संस्कृति का साम्राज्य था। पांव छूने की इस घटना ने हमारी उस प्राचीन संस्कृति को एक बार फिर से मजबूत कर दिया। जब कोरोना महामारी के दौरान हर देश असहाय हो गया था तब भारत ने समूचे विश्व को अपना परिवार मानते हुए दुनिया भर के देशों को वैक्सीन की सप्लाई की थी। जिन देशों को वैक्सीन भेजी गई उन देशों में पापुआ न्यू गिनी भी शामिल था। 
जब भारत दुनिया के छोटे-बड़े देशों को वैक्सीन भेज रहा था तब भारत में प्रधानमंत्री मोदी की आलाेचना कुछ कम नहीं हुई लेकिन आज कोरोना वैक्सीन के लिए सभी देश भारत का आभार जता रहे हैं। मोदी के पांव छूना जेम्स मारापे द्वारा कृतज्ञता व्यक्त करना ही है। पापुआ न्यू गिनी, फिजी और पलाऊ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने-अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। सवाल यह नहीं है कि यह देश बहुत छोटे-छोटे देश हैं और इनका वैश्विक राजनीति में कोई ज्यादा महत्व नहीं है। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि वैश्विक राजनीति में नरेन्द्र मोदी का कद कितना ऊंचा हो चुका है। एक करोड़ की आबादी वाला देश पापुआ भी हमारे लिए उतना ही सम्मानीय है ​जितने कि अन्य बड़े देश। प्रशांत द्विपीय देशों के साथ आपसी संबंध और सहयोग बढ़ाने के नजरिये से भी यह यात्रा महत्वपूर्ण है। प्रशांत सागर में जिस तरह से चीन अपना दबदबा कायम कर रहा है उसे काउंटर करने के​ लिए भी प्रशांत क्षेत्र के द्विपीय देशों से संबंध बनाना भारत के लिए भी जरूरी है। 
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन में जबरदस्त बोडिंग दिखी। बाइडेन आैर मोदी गले तो मिले ही साथ ही बाइडेन का यह कहना अपने आप में अद्भुत है कि ‘‘आप तो अद्भुत लोकप्रिय हो। अमेरिका में आप के कार्यक्रम में शामिल होने के​ लिए अनेक बड़ी-बड़ी हस्तियां मेरे से टिकट की व्यवस्था करने के लिए सिफारिशें कर रही हैं। मुझे तो आपके आटोग्राफ लेने चाहिए।’’ आस्ट्रेलिया के सिडनी में जिस तरह से पूरा स्टेडियम वहां बसे भारतीयों ने ठसाठस भर दिया और पूरा स्टेडियम मोदी-मोदी के नारों से गुंजायमान हो उठा। उसे देखकर तो आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीस भी हैरान रह गए। जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर पूरा स्टेडियम इंडिया-इंडिया के शोर से गूंज उठा उसे देखकर आस्ट्रेलियाई पीएम को भरे मंच से कहना पड़ा की मोदी ही बॉस हैं। 
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी चाहे कहीं भी जाएं रॉकस्टार जैसा सम्मान पाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा से इन देशों के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए ही हैं लेकिन उन्हें मिला सम्मान हर भारतीय के लिए सम्मान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक संन्यासी प्रधानमंत्री भी कहा जाता है। जिनका हर एक क्षण राष्ट्र के सम्मान और प्रगति को समर्पित है। वह महानायक बनकर उभरे हैं लेकिन यह सब उनकी नीतियों और दूरदृष्टि से ही सम्भव हुआ है। उन्होंने ही भारत को भारतीयों के रूप में गर्व महसूस करने का अधिकार वापिस दिलाया। एक सच्चे राजनेता काे जीवन के निर्माण में बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं। व्यक्तिगत निष्ठाओं को त्यागना पड़ता है। प्रधानमंत्री की आलोचना करना विपक्ष के लिए आसान होता है लेकिन उनके त्याग को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। भारत की जनता ने उन्हें एक नए भारत के शिल्पकार के रूप में देखा।

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