2 घंटे का सफर 20 मिनट में, एफिल टावर से 17 गुना ज्यादा स्टील, जानें 'अटल सेतु' की ये सारी खासियत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

2 घंटे का सफर 20 मिनट में, एफिल टावर से 17 गुना ज्यादा स्टील, जानें ‘अटल सेतु’ की ये सारी खासियत

India's longest sea bridge Atal Setu bridge

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी को समुद्र पर बने देश के सबसे बड़े पुल अटल सेतु का उद्घाटन किया। इस ब्रिज से अब मुंबई से नवी मुंबई की दूरी को 20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा, जिसमें अब तक 2 घंटे लग जाते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे गए इस पुल की ये भी खासियत है कि 22 किलोमीटर लम्बा यह पुल 16 किलोमीटर तक समुद्र में है और मात्र 5.5 किलोमीटर जमीन में। इस पुल को ‘मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक’ नाम भी दिया गया है।

India's longest sea bridge Atal Setu bridge

बता दें, अटल सेतु को बनाने में 1.77 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। दावा है कि ये पुल 100 सकाल तक इसी तरह टिका रहेगा। मालूम हो, 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस पुल की नींव रखी थी और इसे 4 साल में बनाकर तैयार करना था। लेकिन कोविड महामारी के कारण ये 7 साल में बनकर तैयार हुआ है।

ब्रिज से समय की होगी बचत

ये ब्रिज साउथ मुंबई के सेवरी से शुरू होकर नवी मुंबई के न्हावा शेवा तक जाएगा। इससे साउथ मुंबई और नवी मुंबई तक पहुंचने में लगने वाला समय एक-चौथाई कम हो जाएगा। पहले दो घंटे का समय लगता था, लेकिन अब 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। ये ही नहीं इस ब्रिज से मुंबई और पुणे के बीच लगने वाला समय भी कम हो जाएगा।

इसके अलावा इससे मुंबई पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच भी बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी। नवी मुंबई में इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बन रहा है। इस पुल के जरिए वहां भी कम समय में पहुंचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुताबिक, ये ब्रिज मुंबई को मुंबई-गोवा हाईवे, वसई और विरार, नवी मुंबई और रायगढ़ जिले को जोड़ेगा। इससे नवी मुंबई में कई नए प्रोजेक्ट्स और बड़ी कंपनियों के आने की उम्मीद है।

India's longest sea bridge Atal Setu bridge

दावा है कि इस पुल से सफर करने पर एक बार की यात्रा में 500 रुपये का ईंधन बचेगा। हालांकि, पुल से आने-जाने पर टोल टैक्स भी लगेगा। पैसेंजर कार पर एक बार की यात्रा पर 250 रुपये का टोल लगेगा। वहीं अगर वापस भी लौटते हैं तो फिर टोल देना होगा। लेकिन वापसी यात्रा के साथ-साथ दैनिक और लगातार यात्रियों के लिए शुल्क अलग होगा। आपको बता दें, इस पुल में इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्शन मॉडर्न सिस्टम का यूज़ किया है। यह टेक्नोलॉजी गाड़ियों को रोके बिना, उनसे ऑटोमैटिकली टोल कलेक्ट करने में सक्षम है।

अटल सेतु की ये है खासियत

21.8 किलोमीटर लंबे और छह लेन वाले इस पुल की लंबाई समुद्र के ऊपर 16.5 किलोमीटर और जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर है। समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों ने समुद्री तल में लगभूग 47 मीटर तक खुदाई की है।

India's longest sea bridge Atal Setu bridge

वहीं, इस पुल में ऑटोमेटेड टोल कलेक्शन और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी है। इसके अलावा इस पुल को बनाने में लंबे-लंबे ऑर्थोट्रॉपिक स्टील डेक का इस्तेमाल किया गया है। इससे पुल को बनाने के लिए ज्यादा पिलर की जरूरत नहीं पड़ती। इसका फायदा ये है कि इससे समुद्री रास्ते में कोई बाधा नहीं आती है।

इसके अलावा इस ब्रिज पर सुरक्षा के लिए 400 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं साथ ही समुद्री जीवों के लिए ए़डवांस लाईटिंग की गई है। इस तरह की लाईटिंग की रोशनी सिर्फ पुल पर पड़ती है और इससे समुद्री जीवों को आर्टफिशल लाइट से दिक्कत नहीं होती। इस ब्रिज को बनाने में कंक्रीट का जमकर इस्तेमाल हुआ है।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि कन्स्ट्रक्शन साइट पर कंक्रीट पहुंचाने के लिए ट्रकों ने जितने चक्कर काटे हैं, उतना अगर सीधे चलें तो धरती से चाँद तक पहुँच जाएंगे। इस पुल में आयरन बार्स लगी हैं जिन्हें छड़ या सरिया कहते हैं। इन आयरन बार्स का वजन किया जाएं तो इसमें 17 एफ़िल टावर बनकर तैयार हो सकते हैं। इसके अलावा अटल सेतु बनाने में 85 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। ये इतना स्टील है जिससे 180 से ज्यादा बोइंग 747 विमान बनाए जा सकें।

आपको बता दें, इस पुल के बेस में आईसोलेशन बियरिंग का इस्तेमाल किया है, जो भूकंप के झटके को अबजोर्ब कर सकता है, जिसकी वजह से पुल को कोई नुकसान नहीं होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह 6.5 रिक्टर स्केल का झठका सहन कर सकता है। इसके अलावा इस पुल में नॉइस बैरियर का यूज़ किया है, जो किनारों पर लगाए हैं। साथ ही इसमें साइलेंसर भी हैं, जो साउंड को कम करने में मदद करते हैं। इससे समुद्री जीवों और पुल पर सफर कर रहे लोगों को शोर का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अटल सेतु पर स्पीड लिमिट

ब्रिज पर स्पीड लिमिट के बारे में बताए तो फोर-व्हीलर, मिनी बस और टू-एक्सेल व्हीकल की मैक्सिमम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। ब्रिज की चढ़ाई और उतार पर स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, ऑटो और ट्रैक्टर को इस ब्रिज पर आने की अनुमति नहीं है।

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