कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को आज पूरे 7 महीने हो गए है। देश के सभी राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल को किसान ज्ञापन सौंप रहे हैं। वहीं, हजारों की संख्या में किसान राज्यपालों को ज्ञापन सौंपने के लिए पंजाब और हरियाणा से चंडीगढ़ की ओर मार्च कर रहे हैं।
हरियाणा के पंचकूला में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। राज्यपाल आवास की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे, किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ कर फेक दिए और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों के विरोध के सात महीने पूरे होने और भारत में आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ पर 26 जून को ‘खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ (खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ) दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
इस विरोध का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संघ (बीकेयू) की हरियाणा इकाई के नेता गुरनाम चारुनी ने मीडिया से कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण होगा और राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेंगे।उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उन्हें चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने देगी तो वे प्रवेश द्वार पर शांति से बैठेंगे।
कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के डर से, चंडीगढ़ और उसके आसपास भारी बैरिकेडिंग और सुरक्षा तैनात की गई है। प्रदर्शन कर रहे किसान, केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे, फार्म यूनियन के झंडे लिए हुए थे और ट्रैक्टरों और कारों पर सवार थे और उनमें से कई पैदल चल रहे थे।