चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मनोहर लाल सरकार द्वारा गठित जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। जिससे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा को बड़ी राहत मिली है। इससे हरियाणा की भाजपा सरकार को कड़ा झटका लगा है। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम भूमि सौदे के मामले की जांच के लिए ढींगरा आयोग का गठन किया था।
बता दें कि मनोहरलाल सरकार ने राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे की जांच के लिए जस्टिस एसएन ढ़ींगरा आयोग की गठन किया था। जस्टिस एसएन ढींगरा ने अपनी 182 पेज की रिपोर्ट 31 अगस्त 2016 को मुख्यमंत्री मनोहरलाल को सौंपी थी, लेकिन अदालत द्वारा इसे सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जस्टिस एसएन ढ़ीेगरा आयोग की जांच को चुनौती दी थी। आयोग द्वारा हरियाणा सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद हाई कोर्ट ने इसे जारी या सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी। हुड्डा ने ढींगरा आयोग के गठन को अवैधानिक करार देते हुए इसकी रिपोर्ट को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दी थी। हुड्डा ने आयोग के गठन को बदले की राजनीति का परिणाम बताया था।
हाईकोर्ट की जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अनूप इंदर सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने एकमत से ढींगरा आयोग की रिपोर्ट की खारिज कर दिया। जस्टिस अजय कुमार मित्तल ने ढींगरा आयोग को इस मामले पर दोबारा जांच करने की छूट दी। अजय कुमार मित्तल ने अपने फैसले में कहा की ढींगरा आयोग ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट के सेक्शन 8 बी के तहत नोटिस जारी करके दोबारा इस मामले पर अपनी रिपोर्ट दायर कर सकता है।
(आहूजा)