चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि बेसहारा पशुओं का प्रबन्धन स्थानीय शासन के अधीन है। इसके लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि गोचारण भूमि स्थानीय पंचायतों द्वारा पट्टे पर ली जाएगी और इस भूमि का उपयोग केवल गाय के लिए होगा। सरकार की ओर से कम से कम 100 बेसहारा पशुओं को अपनाने वाले संस्था को इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए प्रति गाय 5000 रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। श्री धनखड़ आज गौ संवर्धन एवं गौ संरक्षण अधिनियम विषय पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक के उपरांत पत्रकार सम्मेलन को सम्बोंधित कर रहे थे।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने कहा कि पूरे प्रदेश में लगभग 71000 एकड़ भूमि गोचारण के लिए उपलब्ध है, जिसमें से दो-तिहाई भूमि पर बणी है तथा एक तिहाई भूमि पर खेती की जा रही है। अब पंचायतें एक-तिहाई भूमि को भी शामलात देह भूमि की तरह पट्टे पर दे सकेंगी। परंतु जब इस भूमि का उपयोग गाय के लिए होगा तो उसे उसी समय खाली करना होगा भले ही उस पर फसल खड़ी हो। एक प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने कहा कि वर्ष 2012 की पशु जनगणना के अनुसार 1 लाख 17 हजार बेसहारा पशु थे।
इसके अलावा, लगभग एक लाख पशु 400 से अधिक गऊशालाओं में हैं। उन्होंने कहा कि हर पशु की टैगिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि गौसंवर्धन और गौसंरक्षण अधिनियम के समक्ष आ रही चुनौतियों को देखते हुए जहां के पशु वहीं प्रबन्धन हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति बेसहारा पशुओं को छोड़ेगा तो उसे स्थानीय शासन के पास 5100 रुपये जमा करवाने होंगे। अन्यथा उस पर जुर्माना किया जाएगा।
(आहूजा)