चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सड़कों पर उतरे किसानों के मुद्दों पर मैदानी राजनीति की पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने प्रदेश के बीचोंबीच जींद में 8 जुलाई को किसानों की महापंचायत का ऐलान कर दिया है और इसी तरह मौजूदा व अगले महीने अलग-अलग जिलों में पंचायत भी होंगी। वे साल के अंत में किसानों का महाकुंभ भी करेंगे। हरियाणा का इतिहास गवाह है कि प्रदेश के सियासतदान जींद जिले को अपने आंदोलनों का लॉचिंग पैड बनाते रहे हैं।हुड्डा ने यह ऐलान कुरुक्षेत्र के पिपली में सफल किसान पंचायत के ठीक अगले दिन चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किए। इससे पहले वे किसानों के मुद्दों को लेकर राजभवन भी गए और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। हुड्डा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में भारी समर्थन मिला और अब उनका दायित्व है कि वे संकटों से जूझ रहे किसान के साथ खड़े रहेंगे।
इसी लिए उन्होंने अगले कुछ दिनों तक किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए पंचायतें व महापंचायत करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि 25 जून को रेवाड़ी में किसान पंचायत होगी। 30 जून को सिरसा, 1 जुलाई को सोनीपत, 6 जुलाई को नूंह और 8 जुलाई को जींद में महापंचायत होगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पूरे प्रदेश में प्रदर्शनों से साफ है कि किसान केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मनोहरलाल सरकार से बुरी तरह नाराज है। उन्होंने कहा राज्य की बीजेपी सरकार और केंद्र ने किसानों के कर्जा माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने जैसे वायदे किए लेकिन, इनपर कुछ नहीं किया बल्कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में असमर्थता जता दी।
हुड्डा प्रोफेसर स्वामीनाथन के ट्वीट से जुड़े सवाल पर बोले की बीजेपी का काम अफवाह फैलाना है। अगर स्वामीनाथन के ट्वीट ध्यान से पढ़े जाएं तो बीजेपी की असलियत सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने में असमर्थ है तो कम से कम उनकी (हुड्डा) की अगुवाई में बनी कमेटी की रिपोर्ट को ही लागू कर दे। एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि खुद को किसानों का नेता कहने वाले बीजेपी के दो मंत्री विदेश में घूम रहे हैं।
(आहूजा)