सभी भाइयों को बड़ी खुशी के साथ बताया जा रहा है कि 31-7-2023 दिन सोमवार को मेवात ब्रजमंडल यात्रा है। सभी भाई बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और बढ़-चढ़कर मेवात के सभी मंदिरों में जाएं। ज्यादा से ज्यादा संख्या में सभी भाई जाएं। हम खुद इस यात्रा में शामिल रहेंगे और हमारी पूरी टीम यात्रा में शामिल रहेगी। ये वही शब्द है जो मोनू मानेसर ने वायरल वीडियो में कहा था। वीडियो इतना वायरल हुआ की यात्रा के दौरान दंगे होने लगे। सिर्फ एक वीडियो की वजह से किस तरह से दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए और उन्होंने नूंह मेवात में हिंसा की ।
कौन है मोनू मानेसर
जो हिंसा हुई उसमें बार बार मोनू मानेसर के नाम की खुब चर्चा होने लगी। ऐसे मे ये जान लेना जरुरी हो जाता है कि आखिर मानू मानेसर कौन है और हिंसा में उसके नाम की चर्चा क्यों हो रही । दरअसल मोनू मानेसर खुद को गौरक्षक बताता है वो काफी समय से गौ तस्करी को रोकने के लिए अपनी एक टीम के साथ काम कर रहा है। वो गौ तस्करी से जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करता है।
जुनैद नासिर की FIR में आया था मोनू का नाम
बीते महीने भरतपुर में राजस्थान के रहने वाले दो युवक जुनैद नासिर की कार में जली हुई लाश मिली थी। इनकी एफआईआर में मोनू मानेसर का नाम सामने आया था। इसके बाद जब पुलिस ने मोनू मानेसर को तलब किया तो वो खुद को बेकसुर बताकर फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस अब तक मोनू मानेसर को पकड़ नहीं पाई है।
मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने के लिए वायरल किया था वीडियो
इसके बाद जुनैद नासिर के समाज के लोग इस बात से नाराज है कि आखिर मोनू मानेसर को अब पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया। इसके बाद अचानक से एक हिंदू संगठन की तरफ से यात्रा निकाली गई जिसमें मोनू मानेसर के आने की खबर थी । जैसे की मैने पहले बताया कि मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने के लिए वीडियो वायरल किया था ।
वायरल वीडियो से हुई हिंसा
इसके बाद ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भी एक वीडियो वायरल किया गया । इसके बाद जैसे ही यात्रा निकाली गई वैसे ही उस पर पथराव किया जाने लगा। देखते ही देखते दो गुटों में लड़ाई हुई भीड़ बेकाबू हो गई और फिर नूंह में दंगाईयों ने पुलिस पर हमला किया कई गाड़ियों को जला दिया गया सईबर थाने पर करीब 1000 लोगों की भीड़ ने हमला किया इसके बाद हालात बेकाबू हो गए मंदिर मस्जिदों को जलाया गया । फायरिंग की गई जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।
मेवात में होती है गौतस्करी
आपको बता दें मेवात से सटे बार्डर से गौतस्करी की जाती है उसी की रोकथाम मोनू मानेसर और उसकी टीम करती है जो गौ तस्करी में शामिल होता है उसके साथ ये लोग मारपीट करते है। गौतस्करी में ज्यादातर मुस्लिम लोगों के नाम आते हे इसलिए मोनू मानेसर की टीम उनके साथ मारपीट करती है। एसे में दो गुटों के बीच लंबे समय से नफरत का माहौल बन चुका है इसलिए मेवात में पहले भी दो बार दंगे हो चुके है।
मेवात में 80 फीसदी मुसलमान रहते है
बता दें मेवात में 80 फीसदी मुसलमान रहते है इसलिए भी गौ तस्करी को लेकर यहां माहौल गर्म रहता है। मेवात को काफी संफेदनशील इलाका माना जाता है। क्योंकी यहां पर ड्रग्स गौ तस्करी हथियारों की तस्करी होती है। इन सबके बीच जिन लोगों ने आग में जल रहे नूंह को देखा उनका कहना है कि मोनू मानेसर की आने की खबर को लेकर वीडियो वायरल न होता तो हिंसा नहीं होती। मोनू मानेसर को लेकर कई लोगों में गुस्सा है। उन लोगों ने मोनू मानेसर की वजह से ही हिंसा की।
नूंह में हुई हिंसा को लेकर बोले अनिल विज
वहीं मेवात नूंह में हुई हिंसा को लेकर अनिल विज का बयान आया है कि दंगा करने के लिए पहले से तैयारी की गई थी । उनका कहना है कि यहां अभी हालात सामान्य है उनका कहना है दंगाईयों को बख्शा नहीं जाएगा।
116 आरोपियों को किया गिरफ्तार
हिंसा करने वालों पर कार्रावाई भी की जा रही है। नूंह में हुई हिंसा में जिला में अब तक 116 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई और 26 एफआईआर दर्ज की गई है। हिंसा के दौरान कुल 60 लोग अब तक घायल हुए हैं। पुलिस बल की 14 कंपनियां फील्ड में, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात की गई है।
कौन है मोनू मानेसर
जो हिंसा हुई उसमें बार बार मोनू मानेसर के नाम की खुब चर्चा होने लगी। ऐसे मे ये जान लेना जरुरी हो जाता है कि आखिर मानू मानेसर कौन है और हिंसा में उसके नाम की चर्चा क्यों हो रही । दरअसल मोनू मानेसर खुद को गौरक्षक बताता है वो काफी समय से गौ तस्करी को रोकने के लिए अपनी एक टीम के साथ काम कर रहा है। वो गौ तस्करी से जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करता है।
जुनैद नासिर की FIR में आया था मोनू का नाम
बीते महीने भरतपुर में राजस्थान के रहने वाले दो युवक जुनैद नासिर की कार में जली हुई लाश मिली थी। इनकी एफआईआर में मोनू मानेसर का नाम सामने आया था। इसके बाद जब पुलिस ने मोनू मानेसर को तलब किया तो वो खुद को बेकसुर बताकर फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस अब तक मोनू मानेसर को पकड़ नहीं पाई है।
मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने के लिए वायरल किया था वीडियो
इसके बाद जुनैद नासिर के समाज के लोग इस बात से नाराज है कि आखिर मोनू मानेसर को अब पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया। इसके बाद अचानक से एक हिंदू संगठन की तरफ से यात्रा निकाली गई जिसमें मोनू मानेसर के आने की खबर थी । जैसे की मैने पहले बताया कि मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने के लिए वीडियो वायरल किया था ।
वायरल वीडियो से हुई हिंसा
इसके बाद ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भी एक वीडियो वायरल किया गया । इसके बाद जैसे ही यात्रा निकाली गई वैसे ही उस पर पथराव किया जाने लगा। देखते ही देखते दो गुटों में लड़ाई हुई भीड़ बेकाबू हो गई और फिर नूंह में दंगाईयों ने पुलिस पर हमला किया कई गाड़ियों को जला दिया गया सईबर थाने पर करीब 1000 लोगों की भीड़ ने हमला किया इसके बाद हालात बेकाबू हो गए मंदिर मस्जिदों को जलाया गया । फायरिंग की गई जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।
मेवात में होती है गौतस्करी
आपको बता दें मेवात से सटे बार्डर से गौतस्करी की जाती है उसी की रोकथाम मोनू मानेसर और उसकी टीम करती है जो गौ तस्करी में शामिल होता है उसके साथ ये लोग मारपीट करते है। गौतस्करी में ज्यादातर मुस्लिम लोगों के नाम आते हे इसलिए मोनू मानेसर की टीम उनके साथ मारपीट करती है। एसे में दो गुटों के बीच लंबे समय से नफरत का माहौल बन चुका है इसलिए मेवात में पहले भी दो बार दंगे हो चुके है।
मेवात में 80 फीसदी मुसलमान रहते है
बता दें मेवात में 80 फीसदी मुसलमान रहते है इसलिए भी गौ तस्करी को लेकर यहां माहौल गर्म रहता है। मेवात को काफी संफेदनशील इलाका माना जाता है। क्योंकी यहां पर ड्रग्स गौ तस्करी हथियारों की तस्करी होती है। इन सबके बीच जिन लोगों ने आग में जल रहे नूंह को देखा उनका कहना है कि मोनू मानेसर की आने की खबर को लेकर वीडियो वायरल न होता तो हिंसा नहीं होती। मोनू मानेसर को लेकर कई लोगों में गुस्सा है। उन लोगों ने मोनू मानेसर की वजह से ही हिंसा की।
नूंह में हुई हिंसा को लेकर बोले अनिल विज
वहीं मेवात नूंह में हुई हिंसा को लेकर अनिल विज का बयान आया है कि दंगा करने के लिए पहले से तैयारी की गई थी । उनका कहना है कि यहां अभी हालात सामान्य है उनका कहना है दंगाईयों को बख्शा नहीं जाएगा।
116 आरोपियों को किया गिरफ्तार
हिंसा करने वालों पर कार्रावाई भी की जा रही है। नूंह में हुई हिंसा में जिला में अब तक 116 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई और 26 एफआईआर दर्ज की गई है। हिंसा के दौरान कुल 60 लोग अब तक घायल हुए हैं। पुलिस बल की 14 कंपनियां फील्ड में, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात की गई है।