इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल्स तक हर जगह उत्तर प्रदेश के बरेली के बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी और दलित युवक अजितेश की शादी का मामला सुर्ख़ियों में है। जब से साक्षी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया है ये मामला गरमाया हुआ है।
अपने वीडियो में साक्षी ने खुलासा किया था की उन्होंने दलित युवक अजितेश से शादी कर ली है पर उनके पिता और परिवार उनके फैसले से नाराज है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें और उनके पति को जान का भी खतरा है।
मामले ने तूल पकड़ा तो विधायक राजेश मिश्रा ने भी बयान जारी करके कहा की उनकी बेटी बालिग़ है और अपनी मर्जी से फैसले ले सकती है। वो जहाँ भी रहे खुश रहे और उनकी बेटी को उनसे कोई खतरा नहीं है।
लेकिन अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है जो बेहद चौंकाने वाला है। साक्षी के पिता और बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा ने ये दावा किया है की उनकी बेटी से शादी करने वाले अजितेश की तीन साल पहले ही सगाई हो चुकी है। अजितेश की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
दावे के मुताबिक़ बीजेपी विधायक का कहना है भोपाल की रहने वाली एक लड़की से अजितेश की शादी तय हो चुकी थी और करीब 3 साल पहले उसकी सगाई भी हुई थी जिसमे सात लाख रु खर्च हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भोपाल के एक होटल में अजितेश की सगाई धूमधाम से हुई थी।
खबर ये भी आ रही है की सगाई के बाद अजितेश के घरवालों से शादी तोड़ दी। जिस लड़की से अजितेश की शादी होने वाली थी उनके पिता सरकारी अफसर रह चुके है। लड़की के पिता का कहना है की उन्होंने धूमधाम से सगाई समारोह किया था और उधार लेकर पैसा खर्च किया था पर सगाई टूटने से न सिर्फ समाज में बदनामी हुई और उन्हें भी काफी नुक्सान झेलना पड़ा।
हालांकि पुलिस प्रशासन ने साक्षी और अजितेश को सुरक्षा मुहैया कराई है। इस मामले में कई ऐसे बिंदु है जो जांच के दायरे में है। साक्षी वीडियो के अलावा सोशल मीडिया पर उनकी और अजितेश की शादी का प्रमाणपत्र भी वायरल हो है जो बेगम सराय स्थित प्राचीन रामजानकी मंदिर के नाम से जारी किया था।
लेकिन प्रयागराज में मंदिर के मुख्य पुजारी ये मैरिज सर्टिफिकेट जाली है और उन्होंने बताया कि ‘मंदिर में कोई शादी नहीं कराई जाती है।’ भाजपा विधायक राजेश मिश्रा के आरोपों को नकारते हुए कहा है की अजितेश उनकी बेटी से 9 साल बड़ा है, इसलिए उन्हें उसकी चिंता हो रही थी बाकी उसे अपनी जिंदगी के निर्णय लेने का अधिकार है और उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी है।’