NEET काउंसलिंग के लिए छुट्टी देने से इनकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

NEET काउंसलिंग के लिए छुट्टी देने से इनकार

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने निदेशक स्वास्थ्य सेवा, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एनईईटी सुपर स्पेशलिटी कोर्स काउंसलिंग में भाग लेने के लिए एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने से इनकार करने और अतिरिक्त साधारण छुट्टी की अनुमति नहीं देने को अत्यधिक पाया है। अन्यायपूर्ण और मन माना। न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने यह आदेश अनुपम शर्मा द्वारा दायर याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ता वाईएस परमार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नाहन में सीनियर रेजिडेंट (जनरल सर्जरी) के पद पर कार्यरत हैं।

  • उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं
  • पाठ्यक्रम के लिए एनओसी नहीं
  • न्यायालय ने कहा कि निष्पक्षता की मांग

 

न ही इस संबंध में कोई निर्णय

वह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा आयोजित एनईईटी सुपर स्पेशलिटी परीक्षा 2023 के लिए उपस्थित हुए और उपरोक्त परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त की। परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद याचिकाकर्ता ने एनओसी जारी करने और असाधारण छुट्टी देने के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशक को आवेदन किया, ताकि वह एनईईटी सुपर स्पेशलिटी कोर्स की उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सके। उत्तरदाताओं ने न तो याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार किया और न ही इस संबंध में कोई निर्णय बताया। याचिकाकर्ता को छह नवंबर को मौखिक रूप से बताया गया कि एनओसी जारी नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता के पास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।

न्यायालय ने कहा कि निष्पक्षता की मांग

न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादी का मामले पर सोते रहना और उस पर न तो विचार करना और न ही कोई निर्णय देना याचिकाकर्ता को उसके अधिकारों से वंचित करने के समान है। न्यायालय ने कहा कि निष्पक्षता की मांग है कि उत्तरदाताओं को मामले पर विचार करना चाहिए और उचित आदेश पारित करना चाहिए। न्यायालय ने आगे कहा कि राज्य प्राधिकारियों की कार्रवाई न केवल निंदनीय है बल्कि साथ ही इससे मनमानी और विकृति को बढ़ावा मिला है।

पाठ्यक्रम के लिए एनओसी नहीं

प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि इस संबंध में बनाई गई नीतियों के प्रावधानों के अनुसार, कोई एनओसी नहीं दी जानी है, लेकिन नीतियों पर गौर करने के बाद, न्यायालय ने पाया कि दूसरे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए एनओसी नहीं दी जा सकती है। याचिकाकर्ता का दावा नहीं। अदालत ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता के पक्ष में तुरंत एनओसी जारी करें और याचिकाकर्ता के मूल प्रमाण पत्र भी सौंपें, ताकि वह काउंसलिंग में भाग लेने में सक्षम हो सके।

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