आपातकाल एक गलती थी : राहुल गांधी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

आपातकाल एक गलती थी : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक “गलती” थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक “गलती” थी।
उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह “गलत” था लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया। 
अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई। 
आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।” 
आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था। 
इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह “गलत” था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है। 
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कभी नहीं किया और कांग्रेस के पास ऐसा करने की काबिलियत भी नहीं है। हम ऐसा करना चाहें तब भी हमारी संरचना ऐसी है कि हम नहीं कर पाएंगे।” 
गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है। 
उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है। 
उन्होंने कहा, “अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।” 
गांधी ने कमल नाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था वैसा वह नहीं करते थे। 
गांधी ने कहा, “इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है।” 
उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है। उन्होंने कहा है कांग्रेस के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं क्योंकि यह एक ‘वैचारिक पार्टी’ है। इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है। 

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