प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओएनजीसी की हाल में शुरू हुई कृष्णा गोदावरी परियोजना से कच्चे तेल के पहले टैंकर ‘स्वर्ण सिंधू’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने एक बयान में कहा कि अधिकतम उत्पादन स्तर हासिल करने पर यह परियोजना भारत के तेल और गैस उत्पादन में सात प्रतिशत की वृद्धि करेगी।
- चरण-2 के विकास को भी राष्ट्र को समर्पित
- आर्मडा स्टर्लिंग वी का उपयोग
- बैरल तेल का उत्पादन कर रहा
आंध्र प्रदेश में स्थित एक अपतटीय क्षेत्र
बिहार के बेगुसराय में इस समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस परियोजना का बेगुसराय से क्या संबंध है। ओएनजीसी के केजी ब्लॉक केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ने जनवरी में तेल उत्पादन शुरू किया था और यह आंध्र प्रदेश में स्थित एक अपतटीय क्षेत्र है। यह क्षेत्र वर्तमान में प्रति दिन लगभग 12,000-12,500 बैरल तेल का उत्पादन कर रहा है। तेल को जमा किया जाता है और एक बार जब यह महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंच जाता है, तो इसे एक जहाज में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इसके बाद इसे शोधन के लिए एक रिफाइनरी में ले जाया जाता है।
27 फरवरी को स्वर्ण सिंधु पर कच्चे तेल की अनलोडिंग
शापूरजी पालोनजी के एफपीएसओ (फ्लोटिंग उत्पादन एवं भंडारण माल ढुलाई) आर्मडा स्टर्लिंग वी का उपयोग ओएनजीसी परियोजना से तेल का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है। शापूरजी पालोनजी ने एक अलग बयान में कहा कि एफपीएसओ ने 27 फरवरी को स्वर्ण सिंधु पर कच्चे तेल की अनलोडिंग की थी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ओएनजीसी के मुंबई हाई उत्तरी तेल क्षेत्र पुनर्विकास चरण-4, हीरा पुनर्विकास चरण-3 और कृष्णा गोदावरी नागयालंका एनईएलपी ब्लॉक में चरण-2 के विकास को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
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