ठाणे : भिवंडी की एक अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के एक मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया उनकी अनुपस्थिति की वजह से आज टाल दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस ) के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट आरोप तय करने वाले थे। राहुल के वकील ने सूचित किया कि उनके मुवक्किल राजनीतिक व्यस्तताओं की वजह से अदालत में पेश नहीं हो पाएंगे। इस पर अदालत ने मामले को दो मई तक के लिए टाल दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के वकील नारायण अय्यर ने आवेदन दायर कर यह भी मांग की कि ‘ त्वरति मुकदमे ’ की जगह विस्तृत साक्ष्य रिकॉर्डिंग होनी चाहिए। वकील ने कहा कि अदालत उनके आवेदन पर दो मई को फैसला करेगी और तब आरोप तय किए जाएंगे।
स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते ने आपराधिक मानहानि का मामला दायर कर आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार बताया जिससे उसकी छवि को नुकसान पहुंचा। राहुल ने ठाणे जिले में भिवंडी के पास छह मार्च 2014 को एक रैली में कथित तौर पर कहा था कि महात्मा गांधी को आरएसएस के लोगों ने मारा था। मामले को रद्द कराने के लिए पूर्व में राहुल उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे। शीर्ष अदालत ने जुलाई 2016 में कहा था कि राहुल को किसी संगठन की ‘‘ सामूहिक रूप से निन्दा ’’ नहीं करनी चाहिए थी और यदि वह अपनी टिप्पणी को लेकर खेद प्रकट नहीं करते हैं तो उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा। राहुल ने इस सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था और मुकदमा लड़ने की इच्छा जताई थी।
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