Supreme Court on Varanasi Lok Sabha Seat: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई से बढ़ाने की मांग वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
Highlights:
- Supreme Court ने Varanasi लोकसभा सीट की नामांकन की तारीख बढ़ाने वाली मांग की याचिका की खारिज
- न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनाया फैसला
- नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन ने दायर की थी याचिका
दरअसल, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू द्वारा दायर याचिका को पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन करार दिया।
Varanasi Lok Sabha Seat: 100 तमिल किसान को लड़ना था प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव
अधिव्कता एस. महेंद्रन के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि अय्याकन्नू तथा उनके दूसरे साथी किसानों को 10 मई को उस समय ट्रेन से जबरन उतारकर पुलिस हिरासत में ले लिया गया जब वे नामांकन पत्र भरने के लिए वाराणसी जा रहे थे।
याचिका में कहा गया है कि उन्हें शाम को छोड़ा गया। इसका एक मात्र कारण यह था कि प्रधानमंत्री भी उसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि करीब 100 किसानों का समूह लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए तिरुचि से काशी तमिल एक्सप्रेस से बनारस आ रहा था। उन्हें चेंगलपट्टू स्टेशन पर उतारकर वापस तिरुचि भेज दिया गया।
Varanasi Lok Sabha Seat: याचिका में सरकार द्वारा वादा पूरा न करने का लगाया आरोप
याचिका में कहा गया था, एसोसिएशन ने घोषणा की थी कि किसानों से किये गये वादे पूरे करने में विफल रहने के लिए और कृषि उत्पादों की उचित कीमत तथा सभी कृषि ऋण माफ करने की अपनी मांगों के समर्थन में 111 किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाप चुनाव लड़ेंगे।
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )
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