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भारत-ब्रिटेन शिखर समिट में उठा आर्थिक भगौड़ों का मुद्दा, विजय माल्या, नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर जोर

भारत और ब्रिटेन के बीच मंगलवार को डिजिटल शिखर सम्मेलन में विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया कि आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को सुनवाई के लिये जल्द ही वापस देश भेजा जाना चाहिए ।

भारत और ब्रिटेन के बीच मंगलवार को डिजिटल शिखर सम्मेलन में विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया कि आर्थिक अपराध से जुड़े लोगों को सुनवाई के लिये जल्द ही वापस देश भेजा जाना चाहिए । वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में कथित तौर पर शामिल होने के संबंध में सुनवाई को लेकर भारत, ब्रिटेन पर माल्या और नीरव मोदी का प्रत्यर्पण करने को लेकर जोर देता रहा है ।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी यूरोप) संदीप चक्रवर्ती ने संवाददाताओं को बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात का उल्लेख किया कि ब्रिटेन इसका हर संभव प्रयास करेगा कि आर्थिक अपराधियों को प्रत्यर्पित किया जाए ।चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘ दोनों नेताओं ने आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के विषय पर चर्चा की और प्रधानमंत्री (मोदी) ने कहा कि अपराधियों को सुनवाई के लिये जल्द ही वापस देश भेजा जाना चाहिए । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन की आपराध न्याय प्रणाली की प्रकृति के कारण उन्हें कुछ कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे इससे अवगत हैं तथा वे इस इस बात का हर संभव प्रयास करेंगे कि इन लोगों को जल्द प्रत्यर्पित किया जाए ।’’विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव इस बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे ।
उल्लेखनीय है कि माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है और तीन वर्ष पहले जारी स्काटलैंड यार्ड के प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है । पिछले वर्ष मई में भगोड़े कारोबारी को भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ ब्रिटिश उच्चतम न्यायालय में दायर अपील खारिज हो गई थी ।वहीं, पिछले महीने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर किया था जो भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के मामले में वांछित है ।
यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन ने अपने यहां अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने को कहा है, चक्रवर्ती ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच आव्रजन और पारगमन से संबंधित सहयोग पर हस्ताक्षर किये जाने का उल्लेख किया ।उन्होंने कहा कि भारत अवैध रूप से आव्रजन के खिलाफ है क्योंकि यह वैध रूप से आव्रजन को नुकसान पहुंचाता है और साथ ही संकेत दिया कि वह उनको वापस लेगा जिन्हें राष्ट्रीयता नहीं मिली है या आवास परमिट प्राप्त नहीं हुआ है ।

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