उत्तराखंड : मदरसों में 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे ले रहे इस्लामिक शिक्षा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

उत्तराखंड : मदरसों में 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे ले रहे इस्लामिक शिक्षा

 

उत्तराखंड में चल रहे मदरसों को लेकर हर दिन कुछ नए खुलासे सामने आ रहे हैं। मदरसों की जांच के दौरान एक बार फिर चौंकाने वाला सच सामने आया है। जानकारी सामने आई है कि राज्य के मदरसों में 700 से ज्यादा हिंदू बच्चे इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद ने यह रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी है। आयोग ने उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर इस पर चिंता जताई है।

Screenshot 6 1

उत्तराखंड के 30 मदरसों में 749 हिंदू छात्र पढ़ाई कर रहे

जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के निदेशक राजेंद्र सिंह ने सूचना मांगे जाने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को अवगत कराया कि उत्तराखंड के 30 मदरसों में 749 हिंदू छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन तीस मदरसों में कुल 7,399 छात्र हैं। इनमें 21 मदरसे हरिद्वार में हैं, 9 उधम सिंह नगर में और 1 मदरसा नैनीताल जिले के गूलर घाटी रामनगर में है।

क्षेत्रों में सरकारी बेसिक माध्यमिक शिक्षा का अभाव

हरिद्वार के ज्वालापुर, बहादराबाद, लक्सर, तिलकपुरीपुरी, महावतपुर, रुड़की, मंगलौर आदि स्थानों पर हैं, जबकि, उधम सिंह नगर जिले में डाक बंगला खेड़ा, नई बस्ती, लक्ष्मीपुर, जसपुर, बाजपुर क्षेत्र में केला खेड़ा, गणेशपुरा, काशीपुर के महुआ खेड़ा आदि क्षेत्रों से हैं। इन क्षेत्रों में सरकारी बेसिक माध्यमिक शिक्षा का अभाव है, क्योंकि यहां के सरकारी स्कूल कम बच्चे होने की वजह से बंद कर दिए गए हैं। ये सभी क्षेत्र ऐसे हैं, जो कि राज्य गठन के बाद मुस्लिम बहुल होते गए और यहां मदरसे खुलते चले गए। खास बात यह है कि इन हिंदू बच्चों को हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिला प्रशासन ने आरटीई एक्ट के तहत किसी स्कूल में भर्ती कराने के बारे में सुध नहीं ली।

देहरादून और नैनीताल जिले के अलावा कई स्थान ऐसे हैं सर्वे होना बाकी

अभी देहरादून और नैनीताल जिले के अलावा कई स्थान ऐसे हैं, जहां सर्वे होना बाकी है। बताया जा रहा है कि यहां के मदरसों में भी बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे मजबूरी में इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने उत्तराखंड के अल्पसंख्यक मामलों के प्रमुख सचिव एल फेनाई को दो नवंबर 2023 को लिखे अपने पत्र में इस बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। इसके पीछे का कारण पूछा है कि आखिर हिंदू बच्चे यहां क्यों पढ़ने जा रहे हैं? एनसीपीसीआर ने 9 नवंबर 2023 को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen − 13 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।