क्या होगा अब पुरानी संसद का ? जाने विस्तार में - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

क्या होगा अब पुरानी संसद का ? जाने विस्तार में

अंग्रेजो द्वारा बनाए गए संसद में कई दशकों तक संसदीय कार्य चला है। लेकिन जब से नए संसद भवन का निर्माण हुआ है, तब से ही पुरानी संसद को लेकर कई चर्चाएं शुरू हो चुकी है। आम जनता के बीच तो ये सवाल भी उमड़ने लगा है की क्या पुराने संसद को तोड़ा जाएगा या फिर उसे किसी अन्य काम के लिए रखा जाएगा ? अभी आज यानि 19 सितम्बर के दिन पुराने संसद में फोटो सेशन चल रहा है। 1921 में पुराने संसद की नीव रखी गयी लेकिन जब 28 मई 2023 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया तब से ही पुराने संसद की छवि जैसे छुपने लगी। लेकिन अब हम आपको बताएँगे की आखिरकार पुराने संसद भवन का क्या होगा ?

पुराने संसद भवन का निर्माण कब हुआ था ?

आजादी से लेकर अब तक पुराने संसद भवन में कई गौरव कर देने वाले क्षण देखने को मिले हैं। पुराने संसद भवन ने देश के कानूनों को लिखने का काम किया है पुराने संसद भवन को कोई भूला नहीं सकता है । बता दें  कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने भी ऐतिहासिक ट्रिस्ट विद डेस्टिनी पर इसी संसद भवन में भाषण दिया था। पुराने संसद भवन को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब नई संसद भवन में 18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक चलने वाले विशेष सत्र की बैठक होगी। आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में  घोषणा की गई की, नई संसद भवन को बनाया जाएगा जहां शुरुआत में राष्ट्रपति भवन में सांसद बनाए जाने की बात सोची गई थी। जब साल 1921से लेकर 1927 में एक ऐसा इमारत बनकर तैयार हुआ जिसमें आज तक कई बड़े फैसले लिए  जा चुके हैं ।  जी हम बात कर रहे हैं पुराने संसद भवन की। पुराना संसद भवन एक शतक को पार करने ही वाला था उसके जगह नए संसद भवन का निर्माण हो गया।

क्या होगा पुराने संसद भवन का?

बता दें कि इस  साल जो संसद भवन बनकर तैयार हुआ है उसमें 888 सदस्यों के लिए सीट हैं साथ ही राज्यसभा में 300 सीट है यह त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत है जो की 64, 500 वर्ग मीटर में फैली हुई है। सरकारी सूत्रों का यह कहना है कि पुराने संसद भवन को तोड़ा नहीं  जाएगा और संसदीय कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए फंक्शन स्पेस और भी बढ़ाया जाएगा।  साथ ही  उनका यह भी कहना है की ऐतिहासिक संरचना को संरक्षण किया जाएगा क्योंकि देश का पुरातात्विक संपत्ति है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight − 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।