चेन्नई : जंगल में लगी आग में अब तक हुई17 लोगों की मौत का मुद्दा आज तमिलनाडु विधानसभा में गूंजा। द्रमुक ने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण( एफएसआई) के अलर्ट के बाद तुरंत कार्रवाई की गई होती तो हादसे को टाला जा सकता था। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को कोई अलर्ट ही नहीं मिला।
विधानसभा में इस मुद्दे पर विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करने वाले नेता प्रतिपक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि कुरांगनी जंगल में आग के बाबत एफएसआई ने एसएमएस और ई- मेल के जरिए चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘ एफएसआई के मुताबिक, यदि वन विभाग ने तेजी से कार्रवाई की होती तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी।’’ द्रमुक नेता ने मांग की कि ऐसी दुर्घटनाएं रोकने के लिए ज्यादा संख्या में वन क्षेत्र कर्मियों की तैनाती की जाए। बहरहाल, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने एफएसआई से ऐसी कोई चेतावनी मिलने की बात से इनकार किया और कहा कि पर्वतारोही जब अनधिकृत रास्ते से गए तो वे आग में फंस गए और आग तेजी से फैली।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।