रांची : बिजली विभाग सीधे जनता से जुड़ा हुआ विभाग है। आम लोग और विभाग के बीच दूरी नहीं होनी चाहिए। किसी कारण से बिजली कटे, तो लोगों को इसकी जानकारी मिले इसके लिए कॉल सेंटर स्थापित करें। लोगों को बिजली कटने का कारण और इसके ठीक होने में लगनेवाले समय के बारे में सूचित करें। टॉल फ्री नंबर के माध्यम से बिजली की स्थिति के बारे में जानकारी दें। जहां-जहां बिजली की समस्या है, उसे तुरंत दुरुस्त करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं।
श्री दास झारखंड मंत्रालय में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसकी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जायेगी, चाहे वह कितना बड़ा अधिकारी क्यों न हो। जो अधिकारी अच्छा काम करेंगे उन्हें पुरस्कृत करेंगे। उर्जा विभाग में मानवबल की कमी को दूर करने के लिए 1000 लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया जून तक पूरी कर ली जायेगी। इससे काम करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रांसफर्मर की शिकायत कम हुई है। अब लोग जले हुए ट्रांसफर्मर की शिकायत नहीं कर रहे हैं, इससे बिचौलिये भी समाप्त हो गये हैं।
उर्जा विभाग इसके लिए बधाई का पात्र है। इसी प्रकार दूसरे लक्ष्य भी विभाग समयबद्ध तरीके से पूरा करें। मार्च 2018 तक पूरे राज्य में विद्युतिकरण का काम पूर्ण करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले 4-5 साल के अनुसार प्लान बनायें। जरूरत के अनुरूप तार, ट्रांसफर्मर, इंसुलेटर आदि की खरीद साथ साथ कर लें।
जहां पोल लगते जा रहे हैं, वहां तार और ट्रांसफर्मर भी लगाते जायें। कैंप लगा कर घरों में बिजली कनेक्शन दें। गांव में केवल एक बल्ब जला देने से विद्युतिकरण का काम पूर्ण नहीं होगा। जब तक गांव के हर घर में बिजली न पहुंचे, विद्युतिकरण का काम पूर्ण नहीं कहा जायेगा। बिजली मिलने के साथ ही गरीब के जीवन में बदलाव आने लगेगा। वह भी संचार माध्यमों से जुड़ कर बदलते युग में खुद को बदल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश करने हेतु बड़ी संख्या में निवेशक आ रहे हैं।
कृषि के साथ साथ उद्योगों के लिए अलग से ग्रिड बनायें। इससे उद्योगों को न केवल निर्बाध और क्वालिटी बिजली दे पायेंगे, बल्कि सरकार का राजस्व भी सुधरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मित्र घर-घर जाकर बिलिंग और राजस्व संग्रहण का काम कर रहे हैं। उनके बीच प्रतियोगिता की भावना लायें। अच्छा काम करनेवालों को पुरस्कृत करें। इससे लोगों की परेशानी भी कम होगी और राजस्व संग्रह भी बढ़ेगा।
राज्य के नहरों और 1000 सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि राज्य के 524 गांव ऐसे हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच पायी है। इन गांवों में साल के अंत तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बसे 53.48 लाख परिवारों में से 24.48 लाख परिवारों के पास बिजली है। बचे हुए परिवारों को मार्च 2018 तक बिजली मुहैया करा दी जायेगी।
राज्य में 359 सब स्टेशन बनने का लक्ष्य था, जिसमें 106 बन गये हैं। मुख्यमंत्री ने युद्धस्तर पर काम करते हुए दिसंबर तक सभी को पूर्ण करने का निर्देश दिया। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, उर्जा विभाग के सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी, झारखण्ड वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।