संवेदनशील एल्गार परिषद-माओवादी मामले में आनंद तेलतुम्बडे ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष सरेंडर कर दिया। नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद अपनी पत्नी, बहनोई और दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के साथ दक्षिण मुंबई के कुंभाला हिल में स्थित एनआईए कार्यालय पहुंचे।
आनंद के वकील मिहिर देसाई ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, तेलतुम्बडे सरेंडर करने के लिए एनआईए के दक्षिण मुंबई के कम्बाला हिल स्थित कार्यालय पहुंचे। माओवादियों से संबंध के आरोप में तेलतुम्बडे और कई अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
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इन कार्यकर्ताओं को शुरूआत में कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और बयान दिए थे जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने कहा कि वे प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य हैं।
इसके बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। बम्बई हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तेलतुम्बडे और सह-आरोपी गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। हाई कोर्ट द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद इन दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।
17 मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था।