बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को विश्वास व्यक्त किया है कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कम से कम 10 सीटों पर विजय हासिल कर वह प्रदेश में सत्ता की दौड़ में ‘‘किंग मेकर’’ के तौर पर उभरेगी। उपचुनाव के घोषित कार्यक्रम के अनुसार मध्यप्रदेश की इन सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी।
मध्यप्रदेश में वर्तमान में बसपा के 2 विधायक हैं। विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। 3 विधायकों के निधन और 25 अन्य विधायकों द्वारा त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने से विधानसभा में प्रभावी संख्या 202 हो गयी है।प्रदेश बसपा के प्रमुख रमाकांत पिप्पल ने कहा, प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हम कम से कम 10 सीटें जीतने जा रहे हैं। इसके बाद हम निश्चित तौर पर किंग मेकर के रुप में प्रदेश की अगली सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ भाजपा को सदन में बहुमत के लिए 28 सीटों में से नौ सीटें जीतने की आवश्यकता है। लेकिन कुछ सर्वेक्षणों के मुताबिक भाजपा इस उपचुनाव में 4 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी। वर्तमान में विधानसभा की 28 सीटें रिक्त हैं और प्रभावी संख्या 202 होने के कारण भाजपा को सदन में अपने दम पर बहुमत हासिल है। बसपा नेता ने कहा कि वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए सभी 28 सीटें जीतने की जरुरत है जो कि लगभग असंभव है।
पिप्पल ने आरोप लगाया कि दोनों ही दलों (भाजपा एवं कांग्रेस) ने दलबदलुओं को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। इससे मतदाता इनसे नाराज है। उन्होंने कहा, मतदाता बसपा को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। हमारे पास प्रदेश में पहले से ही दो विधायक हैं। उन्होंने कहा कि बसपा ने अपने 27 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और हम जल्द ही बड़ा मलहरा सीट के लिए भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर देंगे।
इस बीच बसपा प्रमुख मायावती के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का दौरा करने की उम्मीद है। इस इलाके में 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। हालांकि पिप्पल ने मायावती के दौरे की पुष्टि नहीं की और कहा कि अभी इस बारे में कहना जल्दबाजी होगी। मध्यप्रदेश में 25 विधानसभा सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में आने से खाली हुए हैं, जबकि 2 सीटें कांग्रेस के विधायकों के निधन से और 1 सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त है।
बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार बनी। इसके बाद कांग्रेस के 3 अन्य विधायक भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 88, 4 निर्दलीय, 2 बसपा एवं 1 सपा का विधायक है।