कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों की तरफ से बुलाये गए बंद को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार कन्नड़ लोगों के हितों की रक्षा के लिए राज्य में हर संभव प्रयास कर रही है। सीएम येदियुरप्पा ने कहा,‘‘मैं सभी लोगों को एक साथ ले जाने में इच्छुक हूं और भेदभाव करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए बंद बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उससे आम लोग प्रभावित होंगे जो पहले से ही वैश्विक महामारी कोरोना के कारण संघर्ष कर रहे हैं।
बंद का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा जो पिछले 7 महीने से अब तक पूरी तरह से उबर नहीं पाई है।’’इसी को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार राज्य में कन्नड़ लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मराठा विकास प्राधिकरण मराठी भाषी लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था, जो बड़ी संख्या में राज्य में रह रहे हैं।’’
पुलिस आयुक्त कमल पंथ ने बंद के आह्वान के बाद राज्य में किये गए बंदोबस्त को लेकर पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य में 15 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों और 12 पुलिस उपायुक्तों, सहायक पुलिस आयुक्तों, पुलिस निरीक्षकों को तैनात किया जाएगा। हमें प्रदर्शन या विरोध रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए कोई आवेदन नहीं मिला है और यदि प्रदर्शन को लेकर कोई आवेदन प्राप्त भी होता है तो उसकी अनुमति नहीं दी जायेगी तथा उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो कानून को अपने हाथों में लेने के लिए दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद करने के लिए मजबूर करेंगे।’’
इस बीच मुख्यमंत्री पहले से निर्धारित अपने कार्यक्रम के अनुसार आज रात बेलागवी में होने वाली भाजपा की राज्य कोर समिति की बैठक में भाग लेने और कल बेलागवी में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए जायेंगे। इस बंद को लेकर अधिकांश संगठनों ने अपना नैतिक समर्थन व्यक्त किया है लेकिन कोरोना से हुए आर्थिक नुकसान के कारण शारीरिक रूप से बंद में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है।