नई टिहरी : गत वर्ष नई टिहरी शहर में जिला प्रशासन द्वारा चलाये गये अतिक्रमण हटाओ अभियान का कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जिला प्रशासन पर विस्थापित शहर नई टिहरी में जबरन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट का आदेश दिखाने की मांग करते हुए कड़ा विरोध किया था, तब जिला प्रशासन ने 21 कांग्रेसियों पर मुकदमा दर्ज किया था, जिसे कांग्रेस ने उच्च न्यायालय में चुनौती थी और न्यायालय ने उसे स्वीकार करते हुए बाद में जिला प्रशासन द्वारा कांग्रेसियों पर दर्ज उक्त मुकदमे को समाप्त कर दिया, न्यायालय द्वारा समाप्त किये गये मुकदमे पर कांग्रेसियों का कहना है कि न्यायालय ने जहां कांग्रेसियों को राहत दी है, वहीं भाजपा को इससे करारा झटका लगा है।
जिला मुख्यालय नई टिहरी स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व वरिष्ट अधिवक्ता शांति प्रसाद भट्ट एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष सूरज राणा ने कहा कि गत वर्ष 20 सिंतबर2018 से 30 सितंबर 2018 तक टिहरी बांध विस्थापित नई टिहरी शहर में तत्कालीन जिला प्रशासन ने न्यायालय के आदेश के नाम पर जबरन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर टिहरी बांध विस्थापित व प्रभावितों के घरों व प्रतिष्ठानों में जबरन तोड़-फोड़ की, कांग्रेसियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने दबाव में आकर निकाय चुनाव को सामने देख भाजपा को पालिका चुनाव जिताने के लिए दबाव में यह कार्रवाही की थी।
कांग्रेसियों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से इसका विरोध कर रहे थे, विरोध के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया लेकिन कांग्रेसियों ने अपना विरोध जारी रखा, जब उन्होने जिला प्रशासन से शहर में अतिक्रमण हटाने को लेकर न्यायालय के आदेश दिखाने की मांग की तो वे नहीं दिखा पाये थे, इस दौरान तत्कालीन जिला प्रशासन ने कांग्रेस के 21 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
इस मुकदमें को कांग्रेस ने उच्च न्यसायालय में 3 जुलाई को चुनौती दी, न्यायालय ने 18 जुलाई 2010 को उत्तराखंड सरकार बनाम सूरज राणा व अन्य में आदेश पारित करते हुए कहा किस जिस आरोप पत्र पर 2 अप्रैल 2019 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने समन जारी किये थे वे सभी समाप्त किए जाते हैं और 21 लोगों को जो रिट न्यायालय में है उसे स्वीकार किया जाता है इस प्रकार उच्च न्यायालय ने उक्त मुदकमें को समाप्त कर दिया।