झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ED) के तीसरे समन के बाद भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। ED ने उन्हें शनिवार को रांची स्थित जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। लेकिन, सोरेन भारत की राष्ट्रपति की ओर से जी-20 सम्मेलन के उपलक्ष्य में आयोजित डिनर पार्टी में शामिल होने दिल्ली चले गए। बता दें कि सोरेन पहले ही ED को पत्र लिखकर उसकी कार्रवाई को उसके पॉलिटिकल मास्टरों के इशारे पर पूर्वाग्रह प्रेरित बता चुके हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर ED के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट भी लगाई है, लेकिन अब तक उस पर सुनवाई नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में सोरेन ने जो रिट पिटीशन दायर किया है, उसमें उन्होंने पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा-50 और 63 को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि ED को धारा-50 के तहत बयान दर्ज करने की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसलिए समन जारी करने के बाद गिरफ्तारी का डर बना रहता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि समन को स्थगित किया जाए और पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश ED को दिया जाए। ED ने हेमंत सोरेन को जो पहला समन भेजा था, उसमें उनसे अपनी संपत्ति का विवरण दर्ज कराने के लिए जोनल कार्यालय में 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा गया था।
इसके जवाब में उन्होंने ED के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर इस पर कड़ा प्रतिरोध जताया और कहा कि वे ED के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को बाध्य होंगे। सोरेन ने इस पत्र में लिखा था कि समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है, जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं। इसके बाद भी ED ने उन्हें दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था। इस दिन भी सोरेन उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने अपने मैसेंजर से पत्र भिजवाकर सूचित किया कि उन्होंने ED के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है। अब तक सोरेन की रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई है। इसी बीच ED ने उन्हें तीसरी बार समन भेजकर 9 सितंबर को उपस्थित होने को कहा था।