लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ इकट्ठी हो गई।
कर्नल की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने अपने घरों की बॉलकनी में खड़े होकर ‘‘वंदे मातरम’’ और ‘‘संतोष बाबू अमर रहे’’ के नारे भी लगाए और फुलों की बारिश भी की।
इस दौरान शहर की अधिकतर दुकाने बंद रही। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी से एक विशेष विमान में हैदराबाद के निकट स्थित हकीमपेट वायु सेना अड्डे लाया गया और देर रात उनके घर पहुंचाया गया।
तेलंगाना के गवर्नर डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, राज्य के मंत्री के.टी. रामाराव, मल्ल रेड्डी, जगदीश रेड्डी, साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर, हैदराबाद सिटी पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमारंद ने वायु सेना अड्डे पर ही उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। कर्नल का अंतिम संस्कार पारिवारिक जमीन पर ही किया।
उनके पिता ने क्रियाकर्म किया। सेना ने उन्हें बंदूक की सलामी दी। कर्नल के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। गौरतलब है कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के उनके समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।