रायपुर, बिलासपुर, आशीष शर्मा एक हजार करोड़ के कथित एनजीओ घोटाले में 2 आईएएस अफसरों के रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई पूरी हो गयी है। डबल बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में सीबीआई के वकील ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग में हुए करोड़ों रुपये एनजीओ घोटाले में एफआईआर के निर्देश दिये थे।
कोर्ट ने ये भी कहा था कि 7 दिन के भीतर मुकदमा दर्ज किया जाये। इस निर्देश के बाद भोपाल में सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया।हाईकोर्ट के इस आदेश में क़रीब दर्जन भर अधिकारियों के नाम दर्ज हैं,जिनमें एक्स आईएएस और आईएएस शामिल हैं।
हाईकोर्ट की डबल बेंच जिसमें जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पी पी साहू शामिल ने मामले की सुनवाई की। आपको बता दें कि राज्य की ओर से दायर रिव्यू पीटिशन में उल्लेख किया गया था कि, मूल याचिकाकर्ता के द्वारा अभिलेखों को सही स्वरुप में प्रस्तुत नहीं किया गया है, और तब जबकि सुनवाई जारी थी राज्य को अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर नहीं मिला है।
वही पूर्व आईएएस बी एल अग्रवाल समेत दो ने इस मसले पर रिव्यू आवेदन दायर किया था, राज्य की ओर से भी आज रिव्यू का आवेदन दिया गया था। रिव्यू के दौरान सीबीआई की ओर से उपस्थित एडवोकेट सॉलिसिटर जनरल गोपा कुमार ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई इस मसले पर हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एफआईआर दर्ज कर चुकी है। एनजीओ मामले में सीबीआई ने यह एफआईआर भोपाल में दर्ज किया है।
इधर सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो के भोपाल विंग ने जो अपराध दर्ज किया है, उसमें किसी भी अफसर का नाम नहीं है। इससे अफसरों ने राहत की सांस ली है।
दरअसल, कथित घोटाले में सीनियर अफसरों के खिलाफ आरोप लगे थे। हाईकोर्ट ने प्रकरण में सीबीआई को अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था, जबकि किसी अफसर के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज करने का उल्लेख नहीं था। यह प्रकरण सामने आने के बाद याचिका में जो भी पक्षकार हैं, उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने की चर्चा छिड़ गई थी। आज जब सीबीआई ने अपराध दर्ज किया तो उसमें आरोपियों के स्थान पर अज्ञात लिखा है। अब सीबीआई जांच के बाद यह तय करेगी कि किसे आरोपी बनाना है। प्रकरण की जांच सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद करेंगे।