आदिवासी समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर चुन लिया गया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने मुर्मू को भारत की राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी और कहा कि उनकी पार्टी उनसे संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की उम्मीद करती है।
संजय राउत ने कहा, ‘‘हम उनकी जीत का स्वागत करते हैं और खुशी है कि एक आदिवासी महिला शीर्ष पद के लिए निर्वाचित हुई हैं। हमने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया। हम उनसे संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने की उम्मीद करते हैं।’’
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बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार मुर्मू ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर एकतरफा मुकाबले में भारत के आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति निर्वाचित हो कर इतिहास रच दिया।
मुर्मू (64) को निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की गणना में 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत प्राप्त हुए और सिन्हा के खिलाफ उन्होंने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की। वह रामनाथ कोविंद के बाद देश की 15वीं राष्ट्रपति बनेंगी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के कुछ दिनों बाद शीर्ष पद के लिए 18 जुलाई के चुनाव में मुर्मू को अपने समर्थन की घोषणा की थी। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए गठबंधन के घटक दल थे।
शिवसेना ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को साझा करने को लेकर मतभेदों के बाद बीजेपी से नाता तोड़ लिया था और बाद में राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया था।