कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि चाटुकारिता देश की सबसे पुरानी पार्टी को दीमक की तरह चाट रही है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र में कहा कि कांग्रेस में लिये जाने वाले फैसले जनहित और देशहित के लिये नहीं होते, बल्कि कुछ लोगों के निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिये होते हैं।
त्यागपत्र में उन्होंने प्रवक्ता पद छोड़ने का उल्लेख किया है, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रवक्ता पद और प्राथमिक सदस्यता दोनों छोड़ दी हैं। उनका कहना था कि उन्होंने कांग्रेस से अपने रिश्ते पूरी तरह से खत्म कर दिए हैं।
पार्टी छोड़ने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी में ऐसे लोगों द्वारा फैसले किए जा रहे हैं जो चाटुकारिता में व्यस्त हैं और जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोगों की सेवा करने में सक्षम हैं उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है।’’
शेरगिल ने दावा किया, ‘‘चाटुकारिता पार्टी को दीमक की तरह चाट रही है।’’
भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में भविष्य में ही पता चलेगा।
पिछले कुछ वर्षों में कई युवा नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। कुछ ऐसा नेताओं ने भी पार्टी को छोड़ा जो राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले प्रमुख युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला मार्च, 2020 में उस समय हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया । नतीजा यह हुआ कि मध्य प्रदेश में 15 साल के बाद बनी कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में ही सत्ता से बाहर हो गई।
पिछले साल ही महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस के पाले में चली गईं। इससे पहले झारखंड में अजय कुमार, हरियाणा में अशोक तंवर और त्रिपुरा में प्रद्युतदेव बर्मन जैसे युवा नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। अजय कुमार की अब कांग्रेस में वापसी हो चुकी है।
इस साल हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, कुलदीप बिश्नोई और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस साथ छोड़ दिया।