भीषण गर्मी में लॉकडाउन के दौरान घर के लिए पैदल ही नानी के साथ निकली 6 साल की मासूम बच्ची ने मंजिल तक पहुंचने से पहले ही प्यास से तड़पकर दम तोड़ दिया। हालांकि उन नन्हे पैरों ने तपड़ती रेत पर 7 किलोमीटर का लंबा सफर तय किया था।
आत्मा को झकझोर के रख देने वाला ये मामला राजस्थान के जालोर जिले का है। दरअसल, रानीवाड़ा तहसील अंतर्गत डूंगरी निवासी वृद्ध महिला सुखीदेवी का सिरोही जिले के मंडार के समीप रायपुर में मायका है। सुखीदेवी अपनी 6 वर्षीय नातिन (दोहिती) के साथ मायके गई थी।

रविवार 6 जून को सुबह मौसम ठंडा देखकर 6 वर्षीय नातिन के साथ वापस बहिन के पास जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गई। करीब सात किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी, इस दौरान दोपहर में तापमान पारा बढ़ गया था और मौसम उमस भरा हो गया था। महिला के पास पानी के लिए कोई सुविधा नहीं थी और जिस मार्ग से गुजर रही थी, वह भी रेतीला कच्चा मार्ग था।
भीषण गर्मी के कारण और पानी नहीं मिलने से वृद्धा और बच्ची को डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई। दोनों बेहोश होकर गिर पड़े। काफी देर बाद वहां किसी चरवाहे ने महिला को देखा तो सूरजवाड़ा सरपंच कृष्णकुमार पुरोहित को फोन किया। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बच्ची का दम टूट चुका था। महिला को पुलिस ने पानी पिलाया और बाद में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है।