Hanuma Vihari: राज्य संघ के लिए कभी नहीं खेलूंगा, हनुमा विहारी का बड़ा आरोप

Hanuma Vihari : राज्य संघ के लिए कभी नहीं खेलूंगा, हनुमा विहारी का बड़ा आरोप

रणजी ट्रॉफी में सोमवार को हार के साथ आंध्र का अभियान समाप्त होने के बाद नाटकीय घटनाक्रम सामने आया जब सीनियर बल्लेबाज Hanuma Vihari ने कहा कि राज्य संघ के दुर्व्यवहार के कारण वह कभी भी टीम के लिए नहीं खेलेंगे और सत्र के पहले मैच के बाद उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि उन्हें पद छोड़ने को कहा गया था।विहारी ने टीम के एक साथी (एक राजनेता के बेटे) पर भी निशाना साधा जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था कि एक मैच के दौरान उस पर चिल्लाने के बाद उसने अपने पिता से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। Hanuma Vihari ने अपने एक्स अकाउंट पर आंध्र टीम के अन्य खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले अपने बयान की प्रति भी साझा की और साथ में एक पंक्ति लिखी- पूरी टीम जानती है (उस दिन क्या हुआ था)।

HIGHLIGHTS

  • राज्य संघ के दुर्व्यवहार के कारण वह कभी भी टीम के लिए नहीं खेलेंगे : Hanuma Vihari
  • Hanuma Vihari ने उस समय कप्तानी छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार ठहराया था
  • Hanuma Vihari ने कहा, मुझे शर्मिंदगी महसूस हुईVB FCG N

संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा: Hanuma Vihari

मौजूदा रणजी ट्रॉफी में आंध्र का अभियान समाप्त हो गया जब वे सोमवार को क्वार्टर फाइनल में मध्य प्रदेश से चार रन से हार गए। Hanuma Vihari ने इंस्टाग्राम पर लिखा, दुखद बात यह है कि संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं। मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है। उन्होंने लिखा, मैं टीम से प्यार करता हूं। जिस तरह से हम हर सत्र में प्रगति कर रहे थे वह मुझे पसंद है लेकिन संघ नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें। भारत के लिए 16 टेस्ट खेलने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज विहारी ने सत्र की शुरुआत आंध्र के कप्तान के रूप में की थी लेकिन पिछले साल के उपविजेता बंगाल के खिलाफ पहले मैच के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था। रिकी भुई ने सत्र के बाकी मुकाबलों में टीम का नेतृत्व किया और अब वह 902 रन के साथ मौजूदा सत्र में सबसे सफल बल्लेबाज हैं।

मैं वही लड़का हूं, आप लोग जिसे कमेंट बॉक्स में खोज रहे हैं : केएन प्रुधवी

Hanuma Vihari ने उस समय कप्तानी छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन अब दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि संघ ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था। विहारी ने कहा, बंगाल के खिलाफ पहले मैच में मैं कप्तान था। उस मैच के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता है) से शिकायत की, बदले में उसके पिता ने संघ से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, हमने पिछले साल फाइनल में जगह बनाने वाले बंगाल के खिलाफ 410 रन का पीछा किया था लेकिन मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया। इस मामले में जिस खिलाड़ी पर सवाल उठ रहा है वह केएन प्रुधवी राज है और उसने इंस्टाग्राम पर विहारी पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया। राज ने लिखा, सभी को नमस्कार! मैं वही लड़का हूं, आप लोग जिसे कमेंट बॉक्स में खोज रहे हैं, आप लोगों ने जो भी सुना वह बिल्कुल झूठ है, खेल से बढ़कर कोई नहीं है और मेरा आत्म सम्मान किसी भी चीज से बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा, व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा किसी भी प्रकार के मानवीय मंच पर अस्वीकार्य है। टीम में हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था। नुवु इंथाकु मिनची इम्मी पिक्कुलेवु (आपको इससे बेहतर कुछ नहीं मिल सकता) मिस्टर तथाकथित चैंपियन। इस सहानुभूति के खेल को जैसा चाहो वैसे खेलो। विहारी ने बाद में हालांकि अपने एक्स अकाउंट पर अपने बयान की प्रति साझा की जिस पर आंध्र टीम के अन्य खिलाड़ियों ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने एक पंक्ति में लिखा – पूरी टीम जानती है।SDVFVDV

टीम के लिए अपना शरीर दांव पर लगा दिया था : विहारी

मध्य प्रदेश के खिलाफ पिछले साल के रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मैच को याद करते हुए 30 साल के विहारी ने कहा कि उन्होंने टीम के लिए अपना शरीर दांव पर लगा दिया था। दाहिने हाथ में चोट के कारण उन्होंने उस मैच में बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन वह आंध्र को बाहर होने से नहीं रोक सके। उन्होंने कहा, मैंने खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से कभी कुछ नहीं कहा लेकिन संघ ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपना शरीर दांव पर लगा दिया और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की, पिछले सात साल में पांचवीं बार आंध्र को नॉकआउट में जगह दिलाई और भारत के लिए 16 टेस्ट खेले। Hanuma Vihari ने कहा, मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन इस सत्र में खेलना जारी रखने का एकमात्र कारण यह था कि मैं खेल और अपनी टीम का सम्मान करता हूं। मौजूदा 2023-2024 के घरेलू सत्र से पहले विहारी के मध्य प्रदेश से जुड़ने की अटकलें थीं लेकिन करार को अंतिम रूप देने में विफल रहने के बाद उन्होंने आंध्र के साथ रहने का फैसला किया। विहारी ने अपने करियर की शुरुआत हैदराबाद के साथ की थी और फिर 2015-16 सत्र के दौरान आंध्र चले गए। वह 2021-2022 सत्र में हैदराबाद चले गए और 2022-23 सत्र में फिर आंध्र से जुड़ गए।

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