भारतीय क्रिकेट का सुपर मैन खिलाडी कौन है. बताइए , अरे बताइये, चलिए आप नहीं जानते तो मै थोड़ा उसके बारे में बताए देरहा हूँ ताकि आप समझ जाए
सन 2007 जब इंग्लैंड के सामने भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप में उतरी तो यह बल्लेबाज ने पुरे दुनिया में अपना नाम उजागर किया जब इंग्लैंड जे खिलाफ स्ट्रट ब्रॉड को 6 बॉल में 6 छक्के लगा डाला था
HIGHLIGHTS
- युवराज सिंह की खास उपलब्धियां
- 2000 चैंपियंस ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
- युवराज सिंह ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 जीतने में अहम भूमिका निभाई.
- 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाए.
- 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में सबसे तेज 50 रन बनाए.
- 2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की बेस्ट टीम के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रनों की शानदार पारी खेली.
- 2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के प्लेयर ऑफ द मैच बने.
- 2011 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
- 2011 वर्ल्ड कप में बनाए 362 रन और चटकाए 15 विकेट.
- 2011 वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने.
भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने को क्रिकेट की दुनिया का सिक्सर किंग कहा जाता है. उन्होंने क्रिकेट में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. 2011 वर्ल्डकप में युवराज मैन ऑफ द सीरीज रहे थे. हालांकि युवराज सिंह (Yuvraj Singh) बचपन में क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे बल्कि उनका पसंदीदा खेल कुछ और था. उन्होंने बताया कि बचपन में वह स्केटिंग और टेनिस को बहुत पसंद किया करते थे.
पूर्व भारतीय ऑल राउंडर युवराज सिंह के क्रिकेटर बनने के लिए रोलर स्केट्स छोड़ने की कहानी से हर कोई वाकिफ है, लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि अपने शुरुआती दौर में वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे। युवराज सिंह ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि 11 साल की उम्र तक कैसे वह तेज गेंदबाज थे। वह तेज गेंदबाजी को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन वाकये ने उसका मन बदल दिया और वह बल्लेबाजी की ओर अधिक ध्यान केंद्रित करने लगे।युवराज सिंह ने स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में बताया, ”मैं पालम में बिशन सिंह बेदी के कैंप में था। मैं 11-12 साल का रहा होंगा। मैं एक सीमर था, एक तेज गेंदबाज था। मैं उस वक्त बल्लेबाज नहीं था। मुझे याद है कि उस मैच में मैं बल्लेबाजी के लिए गया और छक्का जड़ा। इसके बाद मैंने शतक जड़ा। मैं 90 पर बल्लेबाजी कर रहा था, तब तक मैंने एक भी छक्का नहीं मारा था। तब एक लेफ्ट आर्म स्पिनर आया। मुझे लगता है वह अंगद बेदी था। मैंने उसे दो छक्के जड़े और गेंद बाउंड्री लाइन के पार पहुंची। 11-12 साल की उम्र में आपके अंदर उतनी ताकत नहीं होती है।”
युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में बताया, ‘मुझे स्केटिंग और टेनिस बहुत पसंद था. मैं टेनिस में करियर बनाना चाबता था. मैंने अपनी मां को बताया था कि मुझे रैकट चाहिए था और उन्होंने पिता को बताया. पापा थोड़ा गुस्सा हुए क्योंकि उस समय एक रैकेट 2500 रुपए का आता था. उन्होंने मुझे दिलाया लेकिन वह टूर्नामेंट के दौरान टूट गया. ‘ इसके बाद युवराज के अंदर हिम्मत नहीं थी कि वह दोबारा पिता से रैकेट मांगे. युवराज ने कहा, ‘रैकेट तोड़ने के बाद मैं पापा से दोबारा नहीं मांग सकता था. इसलिए मैंने सोचा कि कुछ दिन क्रिकेट खेलता हूं फिर उनसे रैकेट के मां लूंगा लेकिन मुझे क्रिकेट इतना पसंद आया कि मैंने टेनिस खेलना ही छोड़ दिया.’
टेनिस की ओर लौटे युवराज सिंह
रिटायरमेंट के बाद युवराज एक बार फिर टेनिस की ओर मुड़ गए हैं. वह रिटायरमेंट के बाद फिटनेस के लिए टेनिस खेलते हैं. उन्होंने बताया, ‘अब मैं हर समय टेनिस खेलता हूं. और सच कहूं तो क्रिकेट को बिलकुल मिस नहीं करता .मैं लगभग हर दूसरे दिन टेनिस खेलता हूं.युवराज सिंह ने बताया कि उन्हें सचिन तेंदुलकर ने उन्हें सलाह दी थी कि रिटायरमेंट के बाद भी खेल से जुड़े रहना चाहिए. युवराज ने कहा, ‘पाजी ने मुझसे कहा कि चाहे गोल्फ हो या टेनिस कुछ न कुछ खेलते रहना चाहिए. मुझे टेबल टेनिस, बिलियर्ड्स औऱ स्नूकर पसंद है और मैं हर रोज कुछ न कुछ खेलता हूं.भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने अपनी किताब ‘द टेस्ट ऑफ माइ लाइफ’ में कैंसर से अपने संघर्ष की दास्तान को पेश किया है.
इस किताब में उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैंसर के कारण उनकी जिंदगी में क्या-क्या बदलाव हुए. ये किताब मंगलवार को रिलीज़ हो रही है.
भारत को 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका अदा करने वाले युवराज सिंह को 2012 के शुरुआत में कैंसर होने की बात सामने आई.
अमरीका के बोस्टन शहर में दो महीनों से भी ज्यादा समय तक उनका इलाज चला. ये उनका जज्बा ही था कि भारत वापसी के चंद महीनों बाद युवराज की क्रिकेट टीम में वापसी हुई और उन्होंने श्रीलंका में टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया.
संघर्ष की कहानी
कैंसर से सफलतापूर्वक जूझने वाले युवराज सिंह लिखते हैं, “जब आप बीमार होते हैं, जब आप पूरी तरह निराश होने लगते हैं, तो कुछ सवाल एक भयावह सपने की तरह बार बार आपको सता सकते हैं. लेकिन आपको सीना ठोंक कर खड़ा होना चाहिए और इन मुश्किल सवालों का सामना करना चाहिए.”वो लिखते हैं, “मेरी मुलाकात दिल्ली में इंडियन कैंसर सोसाइटी की मानद सचिव से हुई. उन्होंने कहा, ‘युवी, जिस तरह आपने खुल कर अपनी लड़ाई लड़ी है, आप जाने अंजाने कैंसर से बचने वाले लोगों के लिए एम्बेसडर बन गए हैं. इस देश में जहां कैंसर के पचास लाख मरीज हैं, वहां ये मानना मुश्किल लगता है कि किसी सिलेब्रिटी को कभी ये बीमारी नहीं हुई. इससे पहले कैंसर से पीड़ित कोई जानी मानी हस्ती मेरे दिमाग आती है तो वो हैं नरगिस दत्त
युवराज सिंह ने अपने करियर में 304 वनडे मैच खेले थे, जिनकी 278 पारियों में 36.55 की औसत, और 87.67 की स्ट्राइक रेट से कुल 8701 रन बनाए थे. इस दौरान युवराज ने 14 शतक, और 52 अर्धशतक भी लगाए थे, जबकि उनका बेस्ट स्कोर 150 रनों का था।टी20 फॉर्मेट में युवराज ने कुल 58 मैच खेले, जिनकी 51 पारियों में 28.02 की औसत, और 136.38 की स्ट्राइक रेट से कुल 1177 रन बनाए. इस दौरान युवराज ने 8 बार अर्धशतकीय पारियां खेली, और उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 77 रनों का था.टेस्ट फॉर्मेट में युवराज सिंह ने कुल 40 मैच खेले थे, जिनकी 62 पारियों में कुल 33.92 की औसत से उन्होंने 1900 रन बनाए थे। इस दौरान युवराज ने 3 शतक, और 11 अर्धशतक भी लगाए थे, जबकि उनका बेस्ट स्कोर 169 रनों का था.
युवराज सिंह की खास उपलब्धियां
2000 चैंपियंस ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
युवराज सिंह ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 जीतने में अहम भूमिका निभाई.
2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाए.
2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में सबसे तेज 50 रन बनाए.
2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की बेस्ट टीम के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रनों की शानदार पारी खेली.
2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के प्लेयर ऑफ द मैच बने.
2011 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
2011 वर्ल्ड कप में बनाए 362 रन और चटकाए 15 विकेट.
2011 वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने.
चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे.
आईपीएल चैंपियन टीम का हिस्सा रहे.
पिछले कुछ समय से मीडिया में खबरें उड़ रही हैं कि पूर्व ऑल राउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं (Lok Sabha Elections). दावा किया गया कि वो पंजाब की गुरदासपुर (Gurdaspur) सीट से चुनाव लड़ेंगे वो भी BJP की तरफ से. फिलहाल इस सीट पर एक्टर सनी देओल सांसद है. तमाम रिपोर्ट्स पर युवराज सिंह ने सफाई दी है.
1 मार्च की रात को युवराज सिंह ने एक पोस्ट में सारे दावों को लेकर लिखा,
मैं गुरदासपुर सीट से चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. लोगों को सपोर्ट करना और उनकी मदद करना मेरा जुनून है और मैं अपने फाउंडेशन यूवी कैन के माध्यम से ऐसा करना जारी रखूंगा. आइए मिलकर पूरी कोशिश के साथ बदलाव करते हैं.
दरअसल हाल ही में युवराज सिंह की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात हुई थी. तब से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें शुरू होने लगीं.युवराज सिंह के अलावा क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, एक्टर अक्षय कुमार, जयाप्रदा और पवन सिंह जैसे सेलेब्रिटीज के भी BJP की तरफ से चुनाव लड़ने की खबरें हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BJP ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर TMC सांसद और एक्टर शत्रुघन सिन्हा से मुकाबले के लिए भोजपुरी स्टार पवन सिंह को उतारने का प्लान बनाया है. BJP के सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव में पार्टी लगभग तीन दर्जन बड़ी हस्तियों को चुनाव मैदान में उतारेगी.
पिछले कुछ समय से ये भी चर्चा चल रही थी कि IRS ऑफिसर समीर वानखेड़े BJP के संपर्क में हैं और लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. दी लल्लनटॉप के साथ बातचीत में वानखेड़े ने खुद के चुनाव लड़ने पर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने चुनाव लड़ने की बात पर हामी नहीं भरी, लेकिन साफ-साफ इनकार भी नहीं किया है. समीर वानखेड़े आर्यन खान और ड्रग्स वाले मामले के बाद से चर्चा में हैं.इधर, लोकसभा चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. चुनाव आयोग के सूत्रों से पता चला है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीख का एलान 13 मार्च को किया जा सकता है.