पक्षपात ना करें, हमारा रिकार्ड कहीं बेहतर : पैरालम्पिक चैम्पियन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

पक्षपात ना करें, हमारा रिकार्ड कहीं बेहतर : पैरालम्पिक चैम्पियन

आप हमें किसी से कमतर क्यों आंकते हैं? ऐसे में जबकि हमारा प्रदर्शन ओलंपिक में शामिल सामान्य खिलाड़ियों से बेहतर रहा है।

नई दिल्ली : आप हमें किसी से कमतर क्यों आंकते हैं? ऐसे में जबकि हमारा प्रदर्शन ओलंपिक में शामिल सामान्य खिलाड़ियों से बेहतर रहा है, हमें बराबरी का दर्जा दें, देश के शीर्ष पैरालम्पिक खिलाड़ियों को इस बात की नाराज़गी है कि सरकार और मीडिया उनकी तरफ ध्यान नहीं देते या दया भाव दिखाते हुए उनकी उपलब्धियों का आकलन करते हैं। 
खेल रत्न से सम्मानित और दो बार के पैरालम्पिक स्वर्ण विजेता देवेन्द्र झांझरिया, रजत पदक विजेता और वर्ष 2019 के राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नामित दीपा मलिक, पैरालम्पिक समिति के अंतरिम अध्यक्ष गुरशरण सिंह और सचिव चंद्रशेखर ने पैरालम्पिक 2020 में अपने खिलाड़ियों द्वारा कम से कम दस पदक जीतने का दावा किया और पूछा कि क्या ओलंपिक में भाग लेने वाले और विशेष सम्मान पाने वाले खिलाड़ी और अधिकारी ऐसा कोई दावा कर सकते हैं? अध्यक्ष गुरशरण के अनुसार पैरलम्पिक ओलंपिक का काउंट डाउन शुरू हो चुका है और खिलाड़ियों ने कड़ी तैयारी शुरू कर दी है। ओलंपिक में पैरा खेलों की शुरुआत 1960  में हुई और भारत ने 1968 में पहली बार भाग लिया। 
अब तक भारतीय खिलाड़ी 11 पदक जीत चुके हैं, जिनमें झांझरिया के दो स्वर्ण (2004और 2016) शामिल हैं।  वह एक बार फिर से टोक्यों खेलों की तैयारी में लगा है और उंचे मनोबल के साथ कहता है कि भारत के लिए तीसरा स्वर्ण भी जीतेगा। लेकिन उसे शिकायत है कि दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी होती है। राष्ट्रीय खेल अवार्डों का हवाला देते हुए कहता है कि उनके जैसे खिलाड़ी सक्षम कहे जाने वालों से ज़्यादा पदक जीत रहे हैं किंतु बहुत कम को सम्मानित किया जाता है।

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