प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के डिजिटल माध्यम से आयोजित एक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्व की प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं के इस मंच ने एक आतंकवाद-रोधी कार्ययोजना को मंजूरी दी है।
शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा की गई और जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो उपस्थित थे।
ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों को एकसाथ लाता है, जो वैश्विक आबादी का 41 फीसदी, वैश्विक जीडीपी का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार का 16 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है।
मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत को अपनी अध्यक्षता के दौरान सभी ब्रिक्स भागीदारों से पूर्ण सहयोग मिला है और समूह की विभिन्न उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावशाली आवाज हैं। यह मंच विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर भी ध्यान केंद्रित करने के लिए भी उपयोगी रहा है।’’
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, कॉन्टिनजेंसी रिजर्व अरेजमेंट और एनर्जी रिसर्च कॉरपोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुमत मजबूत मंच हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम बहुत अधिक आत्मसंतुष्ट न हों और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगले 15 वर्षों में ब्रिक्स और भी अधिक परिणामोन्मुखी हो।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि समूह ने कई उपलब्धियां ‘‘पहली बार’’ हासिल की हैं। उन्होंने हाल ही में पहली बार ब्रिक्स डिजिटल शिखर सम्मेलन के आयोजन का उल्लेख किया।
मोदी ने कहा, ‘‘यह प्रौद्योगिकी की मदद से स्वास्थ्य पहुंच बढ़ाने के लिए एक अभिनव कदम है। नवंबर में, हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स प्रारूप के तहत पहली बार बैठक करेंगे। यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने मल्टीलेटरल सिस्टम्स की मजबूती और सुधार पर एक साझा रुख अपनाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ब्रिक्स काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान को भी मंजूर किया है।’’
आतंकवाद विरोधी कार्य योजना ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी रणनीति के कार्यान्वयन के लिए है और इस खतरे से निपटने के लिए समूह के दृष्टिकोण और कार्यों को परिभाषित करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा शुल्क विभागों के सहयोग से ब्रिक्स के बीच व्यापार आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘एक वर्चुअल ब्रिक्स टीकाकरण अनुसंधान और विकास केंद्र शुरू करने के संबंध में भी सहमति बनी है। हरित पर्यटन पर ब्रिक्स गठबंधन भी एक और नई पहल है।’’
पीएमओ ने कहा कि मोदी ने इस साल भारत की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स भागीदारों से प्राप्त सहयोग की सराहना की, जिसने कई नई पहल संभव हुई।
उसने कहा, ‘‘इनमें पहला ब्रिक्स डिजिटल स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन, बहुपक्षीय सुधारों पर पहला ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय संयुक्त वक्तव्य; ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य योजना; रिमोट-सेंसिंग उपग्रहों के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता; एक डिजिटल ब्रिक्स टीका अनुसंधान और विकास केंद्र; हरित पर्यटन आदि पर ब्रिक्स गठबंधन शामिल है।’’
कोविड के बाद वैश्विक सुधार में ब्रिक्स देशों द्वारा निभायी जा सकने वाली प्रमुख भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘बिल्ड- बैक रेजिलिएंटली, इनोवेटिवली, क्रेडिबिली एंड संस्टेनेबली’ के आदर्श वाक्य के तहत ब्रिक्स सहयोग को बढ़ाने का आह्वान किया।
इन विषयों पर विस्तार से बताते हुए, मोदी ने टीकाकरण की गति और पहुंच को बढ़ाकर, फार्मा और टीका उत्पादन क्षमताओं में विकसित दुनिया से परे विविधता लाकर और डिजिटल उपकरणों का रचनात्मक रूप से उपयोग करके ‘नवाचार’ को बढ़ावा देकर ‘बिल्ड-बैक’ को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार सुनिश्चित करने के बारे में भी बात की ताकि उनकी विश्वसनीयता को बढ़ाया जा सके और पर्यावरण और जलवायु मुद्दों पर ब्रिक्स की एक साझा आवाज को व्यक्त करके सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
पीएमओ ने कहा, ‘‘नेताओं ने अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।’’
उसने कहा, ‘‘आतंकवाद और अतिवाद के बढ़ने से उत्पन्न खतरे पर विचारों का अभिसरण था और सभी ब्रिक्स के सहयोगी देश आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स कार्य योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर सहमत हुए।’’