कांग्रेस ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश में गरीबों की आय आधी हुई जबकि अमीरों की आमदनी कई गुना बढ़ गई जिससे गरीबों तथा अमीरों के बीच खाई बहुत चौड़ी हो गई है। इस कारण सरकार को बजट में गरीबों को सुरक्षा देने की व्यवस्था करनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में गरीबों और अमीरों के बीच खाई चौड़ी करने का जो काम मोदी सरकार ने किया है उससे गरीब को सुरक्षा मिले इसके लिए आम बजट का केंद्र बिंदु अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को पाटना, गरीबों के हाथ में पैसा देना और उनके लिए नीतियां बनाकर उन्हें मदद करना होना चाहिए।
कोरोना काल में देश में बढ़ी अमीरों और गरीबों के बीच की खाई
उन्होंने कहा कि देश की 60 प्रतिशत गरीब आबादी की आय पिछले 5 साल के दौरान घटी है जिसमें 20 प्रतिशत लोगों की आय आधा हुई जबकि दूसरी तरफ अमीरों की आय 40 प्रतिशत बढ़ी है। उनका कहना था कि 2005 से 2015 के बीच 20 प्रतिशत गरीबों की आय 183 प्रतिशत बढ़ी थी लेकिन पिछले पांच साल में गरीबों की आय आधी हुई है। गरीबों की आय घटने की बड़ी वजह यह है कि मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था अमीरों के साथ है और गरीबों से इस सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
शहरी क्षेत्रों में गरीबों पर कोरोना के दौरान पड़ी तीखी मार
कांग्रेस प्रवक्ता ने भारतीय उपभोक्ताओं के बारे में ‘आईसी 360’ के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि देश में शहरी क्षेत्रों में गरीबों पर कोरोना के दौरान तीखी मार पड़ी है और उनकी आय घटी है। सर्वे में कहा गया है कि देश की सबसे अधिक 20 प्रतिशत आबादी की आय आधी हुई है। सबसे गरीब 20 फीसदी आबादी यानी 15 करोड लोगों की आय कम हुई है। इसमें निम्न मध्यम वर्ग की आय 32 प्रतिशत और मध्यम वर्ग की आय नौ फीसदी घटी है। मोटे तौर पर 60 फीसदी जनता की आय पर मोदी सरकार ने डाका डाला है और उनकी आय लगातार कम हो रही है। सर्वे में 2021-22 की आय की तुलना 2014-15 से की गई है।
मोदी सरकार समस्याओं से फेरती है मुंह
प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार समस्या का निवारण करने की बजाय समस्या देखकर मुंह फेरती है और आंख मूंद लेती है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। इस सरकार के शासन में अमीर और गरीबों के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है लेकिन सरकार समस्या के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है जिससे अमीर गरीब के बीच बढ़ रही खाई भयावह हो रही है।
मोदी सरकार ने देश को गरीबी की दलदल में ढकेला
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2005 से 2014 के बीच 27 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला जबकि मोदी सरकार ने इन गरीबों को फिर गरीबी के दलदल में ढकेल दिया गया है। छोटे और मध्यम वर्ग के लोगों का रोजगार छिना है और छोटे कारखाने बंद हुए हैं। सरकार की अर्थनीति अमीरपरस्ती बताते को इस संकट की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार ने हर गरीब से डेढ लाख रुपए लेकर सबसे अमीर परिवारों को देने का काम किया है जिसके कारण गरीबी ज्यादा बढ़ी है।