देश में जब CAA लाने की बात कही गई थी तो देश में इसे लेकर खुब हल्ला मचा और राजनीति भी तेज हो गई, जहां कई तरह के आंदोलन समेत कई तरह के सड्यंत्र भी दिखे, जिससे कि CAA को लागु न किया जा सके। लेकिन अब चुनावी माहौल के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक यानी CAA को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो सकती है। गृहमंत्री अमित शाह ने फिर से इस मामले को हवा देने का काम कर दिया है। एक इंटरव्यू में अमित शाह ने साफ किया है कि जिन लोगों को लग रहा है कि सरकार ने सीएए को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, वो गलत हैं। लोग इसे लेकर कंफ्यूजन में न रहें।
सीएए एक वास्तविकता है
एक चैनल के कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए एक वास्तविकता है और इस देश का कानून है। इसे लागू नहीं होने को लेकर सपना देखने वाले भूल कर रहे हैं। गृहमंत्री ने सीएए को लागू करने में हो रही देरी को लेकर कहा कि, हमें इसे लेकर नियम बनाने हैं। कोरोना के चलते ये लागू नहीं पाया था, लेकिन अब कोरोना खत्म हो रहा है। अब इस पर काम होगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि अमित शाह ने पहली बार ये कहा हो। इससे पहले भी अपने कई भाषणों में अमित शाह नागरिकता कानून को लागू करने का जिक्र कर चुके हैं।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर दिया जवाब
इस कार्यक्रम के दौरान अमित शाह से प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर भी सवाल पूछा गया। जिस पर गृहमंत्री ने कहा कि मामला अभी कोर्ट में इसलिए इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। क्योंकि अयोध्या के फैसले के बाद जो विवाद सामने आए हैं, उसमें इस कानून को लेकर चुनौती सामने आई है। मैं मानता हूं कि हर कानून अदालत की लीगल स्क्रूटनी से पास होने चाहिए। सरकार इस पर अपना जवाब दाखिल करेगी।
चीन को लेकर अमित शाह ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद काफी पुराना है। आज जो सवाल उठा रहे हैं उनके समय में चीन में एक लाख एकड़ से ज्यादा भूमि चली गई, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। जहां तक हमारी सरकार की बात है तो हम कटिबद्ध हैं कि एक इंच जमीन भी विदेशी देश के कब्जे में नहीं जा सकती है।