टैक्स चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग अर्थव्यवस्था के 'नए सेक्टर्स' पर दे रहा है दस्तक : सीबीडीटी प्रमुख - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

टैक्स चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग अर्थव्यवस्था के ‘नए सेक्टर्स’ पर दे रहा है दस्तक : सीबीडीटी प्रमुख

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा है कि आयकर विभाग कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए अर्थव्यवस्था के ‘नए क्षेत्रों’ में दस्तक दे रहा है और विदेशों में संपत्तियां रखने वाले भारतीयों के बारे में आंकड़ों के विश्लेषण का तरीका अपना रहा है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा है कि आयकर विभाग कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए अर्थव्यवस्था के ‘नए क्षेत्रों’ में दस्तक दे रहा है और विदेशों में संपत्तियां रखने वाले भारतीयों के बारे में आंकड़ों के विश्लेषण का तरीका अपना रहा है।
आयकर विभाग का नियंत्रक संगठन सीबीडीटी कर चोरी की घटनाएं रोकने के लिए देश भर में तलाशी अभियान और संदिग्ध संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई चलाता है। इसके अलावा वह प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत सरकार के लिए राजस्व का संग्रह भी करता है।
सीबीडीटी के चेयरमैन ने एक परिचर्चा के दौरान कहा कि अब अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्रों को भी निगरानी की जद में लाया गया है। उन्होंने कहा, हम खुद को सिर्फ रियल एस्टेट या डेवलपरों तक ही सीमित नहीं रख रहे हैं। अब हम अर्थव्यवस्था के नए इलाकों एवं नए क्षेत्रों तक दस्तक दे रहे हैं। इनमें परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियां, गेमिंग और सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियां भी शामिल हैं।
कर चोरी की नई प्रवृत्तियों के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा, मैं यह कह सकता हूं कि हमारा फलक काफी विस्तृत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को विभिन्न देशों से साझा रिपोर्टिंग मानकों (सीआरएस) और विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) के जरिये भारतीय नागरिकों की विदेशी परिसंपत्तियों के आंकड़े बड़े पैमाने पर मिल रहे हैं।
सीआरएस वित्तीय खाता सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान की एक वैश्विक मानक प्रणाली है जबकि एफएटीसीए भारत एवं अमेरिका के बीच कर सूचनाओं का ब्योरा देने वाली व्यवस्था है। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, हमें पनामा, पैराडाइज और पंडोरा पेपर्स के जरिये तमाम सूचनाएं मिली हैं और इन्हें सीआरएस एवं एफएटीसीए के साथ जोड़कर हम अपना आधार व्यापक बना रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2019 तक मिली इन सूचनाओं की पड़ताल आयकर विभाग की जांच इकाई कर रही है। इसके लिए आंकड़ों का विश्लेषण और जोखिम विश्लेषण का किया जा रहा है ताकि कार्रवाई के लायक मामलों को चिह्नित किया जा सके।

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