दिल्ली हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा इस्तीफे की मांग को हास्यापद बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब हिंसा समाप्त हो रही है और सच्चाई सामने लाने के लिए जांच भी शुरु हो गई है, ऐसे में सभी दलों की प्राथमिकता शांति स्थायी होनी चाहिए।
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली की हिंसा पर जो बयान दिया है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।’’ दिल्ली में हिंसा समाप्त हो रही है और सच्चाई सामने लाने के लिये जांच भी शुरु हो गई है। ‘‘हमारा विश्वास है कि पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आएगी।’’ जावड़ेकर ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि वे पहले दिन से ही शांति बहाली के प्रयास में लगे हुए थे।
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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जांच में यह बात भी सामने आ जाएगी कि किसने पथराव की तैयारी की, किसने वाहनों में आग लगाई और कौन पिछले दो माह से लोगों को उकसा रहा था। उन्होंने कहा ‘‘कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे? अमित शाह ने कल सभी दलों की बैठक ली, जिसमें आप पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी उपस्थित थे।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ऐसी टिप्पणियों से पुलिस का मनोबल गिरता है। जावड़ेकर ने कहा ‘‘अब हिंसा समाप्त हो रही है और सबका एक मात्र लक्ष्य है कि हिंसा पूर्ण रूप से रुके और स्थायी शांति हो। चर्चा के लिए तो संसद का सत्र है, वहां चर्चा कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अभी जांच की शुरुआत हुई है, ऐसे में सभी दलों की प्राथमिकता शांति स्थायी होना चाहिए। ‘‘लेकिन कांग्रेस इसके बजाय दोषारोपण करने लगी जिसकी हम भर्त्सना करते हैं। जिनके हाथ सिखों के खून से रंगे हों, वह यहां हिंसा रोकने में सफलता या असफलता की बात कर रहे हैं।’’
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बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की यही राजनीति है इसलिए जनता ऐसी टिप्पणियों पर संज्ञान ही नहीं लेती। उन्होंने कहा ‘‘हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, क्योंकि फिर लोग पूछेंगे कि (राहुल) बाबा कहां हैं?’’ गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए के समर्थकों और विरोधी समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था। उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया। इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 22 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।