रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में हमारी गति और पैमाने को शायद ही कोई छू सके : PM मोदी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में हमारी गति और पैमाने को शायद ही कोई छू सके : PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है और हमारा इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में 10 :30 बजे वर्चुअल तौर पर हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है और हमारा इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने दुनिया को दिखाया है कि रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में हमारी गति और हमारा पैमाने को शायद ही कोई छू सकता है। बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत आज दुनिया को नेतृत्व दे रहा है। उन्होंने कहा, हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जब भारत अगले 25 साल के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से पर्यावरण की रक्षा में भी मदद  मिलेगी और भारत का विकास भी उतनी ही तेज गति से होगा। 
चीतों की घर वापसी से एक नया उत्साह लौटा 
उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण ही दुनिया आज भारत के साथ जुड़ भी रही है। बीते वर्षों में गिर के शेरों, बाघों, हाथियों, एक सींग के गेंडों और तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में चीता की घर वापसी से एक नया उत्साह लौटा है। 
सर्कुलर इकोनॉमी को दैनिक जीवन में शामिल करने की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं देश के सभी पर्यावरण मंत्रियों से आग्रह करूंगा कि राज्यों में सर्कुलर इकॉनॉमी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें। इससे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के हमारे अभियान को भी ताकत मिलेगी। सर्कुलर इकोनॉमी सालों से हमारी परंपराओं और संस्कृति का हिस्सा रही है। हमें उन प्रथाओं को वापस लाने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2070 तक Net zero का टार्गेट रखा है। अब देश का फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है, ग्रीन जॉब्स पर है। इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, हर राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी है।आजकल हम देखते हैं कि कभी जिन राज्यों में पानी की बहुलता थी, ग्राउंड वॉटर ऊपर रहता था, वहां आज पानी की किल्लत दिखती है। ये चुनौती सिर्फ पानी से जुड़े विभाग की ही नहीं है बल्कि पर्यावरण विभाग को भी इसे उतना ही बड़ी चुनौती समझना होगा। 

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