इस साल के अंत में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। जिनमे मध्यप्रदेश , मिजोरम ,तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनावी बिगुल फूंक चुका है। ऐसे में राजनीति के पुराने योद्धा अपने दाव पेंच से रणक्षेत्र की गर्मी बढ़ा रहे है।राजस्थान सरकार में मंत्री और कांग्रेस के नेता रह चुके राजेंद्र गुढ़ा ने शिवसेना का ( एकनाथ शिंदे गुट ) का दामन थाम लिया है।
महाराष्ट्र और राजस्थान की धरोहर का मिलन
गुढ़ा उस दौरान चर्चाओं में आए जब उन्होंने राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी दिखा कुछ खुलासो का दावा किया था। उन्हें इस कृत्य के बाद में मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। वही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की महाराष्ट्र और राजस्थान की धरोहर का मिलन हुआ है। सीएम शिंदे ने उन्हें शपथ दिलाई।
सीएम अशोक गहलोत के विरुद्ध आरोपों की पूरी सूची
राजस्थान सरकार के मंत्री मंडल से बाहर होने के बाद राजेंद्र गुढ़ा 24 जुलाई को एक लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे और उन्होंने दावा किया था कि था की डायरी में सीएम अशोक गहलोत के विरुद्ध आरोपों की पूरी सूची है। जिसके बाद उन्हें उस दिन सदन से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। गुढ़ा ने कहा था कि कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने उनसे वो डायरी छीन ली। कि उनके पास डायरी का दूसरा हिस्सा भी है।