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किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर 25 राज्यों की राजधानियों में रैली आयोजित

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि किसान संगठनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनके प्रदर्शन की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर शनिवार को 25 राज्यों की राजधानियों में ‘लॉंग मार्च’ और रैली की।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि किसान संगठनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनके प्रदर्शन की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर शनिवार को 25 राज्यों की राजधानियों में ‘लॉंग मार्च’ और रैली की।
इन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है।
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि चंडीगढ़, लखनऊ, पटना, कोलकाता, तिरूवनंतपुरम, चेन्नई, हैदराबाद, भोपाल, जयपुर और अन्य राजधानी शहरों में लाखों लोग एकत्र हुए।
बयान में कहा गया है कि 25 राज्यों की राजधानियों,300 जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों में मार्च निकाले गये।
एसकेएम ने बयान में कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मजदूरों, छात्रों, युवकों, महिलाओं और आम लोगों के समर्थन से किसानों ने आज पदयात्रा की तथा रैली निकाली। यह अनुमान जताया गया है कि पूरे देश में 3,000 से अधिक प्रदर्शन हुए। ’’
बयान में कहा गया है, ‘‘एसकेएम के आह्वान पर किसान विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए 50 लाख से अधिक लोग राज भवन चलो (मार्च) में शामिल हुए। साथ ही, केंद्र में सत्तारूढ़ दल की किसान विरोधी गतिविधि में हस्तक्षेप करने और उसे रोकने के लिए राज्यपालों के जरिये राष्ट्रपति को किसानों की मांग का एक ज्ञापन भी भेजा।’’
हजारों की संख्या में किसानों ने आज के दिन 2020 में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू किया था। इनमें खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान शामिल थे।

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