सभी राज्यों के बोर्ड के लिए एक जैसी मूल्यांकन स्कीम नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

सभी राज्यों के बोर्ड के लिए एक जैसी मूल्यांकन स्कीम नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए समान मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए समान मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्य शिक्षा बोर्ड को 10 दिन के अंदर 12वीं क्लास की मूल्यांकन नीति बताने का आदेश दिया है और कहा कि 31 जुलाई तक नतीजे घोषित हो जाने चाहिए। 
जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त और अलग है। ऐसे में कोर्ट एक समान मूल्यांकन स्कीम तय करने का आदेश नहीं दे सकता। 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ऐसा आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को चेताते हुए पूछा कि वो सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए हरेक परीक्षा कक्ष में 15 से 20 छात्रों को बिठाने के इंतजाम कैसे करेंगे। कोर्ट ने आंध्र सरकार के हलफनामे के हवाले से कहा कि आपके यहां कुल परीक्षार्थियों के लिए कम से कम 34 हजार 600 कमरों की जरूरत होगी, कैसे मैनेज करेंगे? 
बता दें कि सीबीएसई, सीआईएससीई, यूपी बोर्ड, एमपी बोर्ड, राजस्थान बोर्ड, पंजाब बोर्ड, हरियाणा बोर्ड, महाराष्ट्र बोर्ड, गुजरात बोर्ड समेत देश के अधिकांश बोर्डों ने अपनी 12वीं की परीक्षाएं कोरोना के चलते रद्द कर दी हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश राज्य बोर्ड ने अभी तक 12वीं की परीक्षाएं रद्द नहीं की हैं। 

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