शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में होना चाहिए अधिक योगदान : राष्ट्रपति - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में होना चाहिए अधिक योगदान : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा हैं कि शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। श्रीमती मुर्मु ने आज यहां गुरू घासी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा हैं कि शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। श्रीमती मुर्मु ने आज यहां गुरू घासी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है। 
इनके सशक्तिकरण से ही देश का सर्वागीण विकास हो सकता है।उन्होने समारोह में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि स्वर्ण पदक पाने वाली 45 छात्राएं है,जोकि स्वर्ण पदक वाले विद्यार्थियों का 60 प्रतिशत है।उन्होने इसकी सराहना करते हुए कहा कि छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है।
हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल-मुर्मु 
उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है।विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने चन्द्रयान 3 का जिक्र करते हुए कहा कि वर्षों से निष्ठा से इस पर काम होता रहा। मार्ग में आने वाली रूकावटों की परवाह न करते हुए हम सब बढ़ते रहे। यही जीवन में भी होता है। तात्कालिक असफलताओं से हताश नहीं होना चाहिए।उन्होने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के विषय पर विश्वविद्यालय को कुछ आयोजन करने चाहिए ताकि समाज में साइंटिफिक टेंपर का विकास होता रहे। यह हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल है।
भारत ने अपना लक्ष्य प्राप्त किया-मुर्मु 
उन्होने कहा कि जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। आज भारत अपने वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के प्रतिभा के बल पर स्पेस क्लब तथा न्यूक्लियर के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है। हमने कम लागत में यह कार्य किया है जिसे दुनिया में सराहा गया।उन्होने कहा कि कभी कभी इन क्षेत्रों में भारत को दुनिया में असहयोग का सामना करना पड़ लेकिन भारत पीछे नहीं हटा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया।

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