नागरिकता संसोधन कानून को लेकर जहां भारत में कई जगहों पर अब भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। वहीं अब उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सीएए हिंसा में शामिल दंगाइयों पर कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया हैं। गुरूवार देर रात को नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा करने वाले आरोपियों की फोटो वाली होर्डिंग लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर लगाई गई।
गौरतलब है मजिस्ट्रेट के द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाए गए लोगों की होर्डिंग जिला प्रशासन ने लगवाईं हैं। इनमे सार्वजनिक और निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान का विवरण है। साथ ही लिखा है कि सभी से नुकसान की भरपाई की जाएगी।
डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि उन होर्डिंग्स में आरोपियों की तस्वीरें होने के साथ ही यह भी लिखा गया है कि मजिस्ट्रेट की कोर्ट से आदेश जारी होने के 30 दिनों में हिंसा के दोषी पाए गए लोगों ने धनराशि जमा नही की तो उनकी संपत्तियां कुर्क कर इसकी वसूली की जाएगी। ऐसी होर्डिंगे उन सभी थाना क्षेत्रों में लगाई जाएंगी जहां जहां हिंसा हुई थी।
बीते 19 दिसम्बर को राजधानी में सीएए के विरोध में 10 हजार लोग सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई थी। आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के आधार पर शहर के तीन क्षेत्रों की कोर्ट से अलग-अलग निर्णय सुनाया गया।
खदरा और डालीगंज में हुई हिंसा पर एडीएम टीजी, हजरतगंज और परिवर्तन चौक पर एडीएम सिटी पूर्वी, कैसरबाग और ठाकुरगंज में हुई हिंसा पर दर्ज मुकदमों के बारे में एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से फैसला सुनाया जा चुका है। बता दें की नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अब गिरफ़्तारी का प्रावधान भी शुरू हो गया है। जिसका एक उदहारण घंटाघर पार्क में देखने को मिला पार्क में बिना अनुमति हो रहे प्रदर्शन के दौरान उपद्रव करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है।
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद मिश्र के मुताबिक बिल्लौचपुरा निवासी साहिल उर्फ मो. शादिक खान को गुरुवार दोपहर पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि 9 फरवरी को घंटाघर पार्क पर सोशल मीडिया के जरिए भारी भीड़ जुटाई गई थी। रोके जाने पर प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे।