समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने के लिए केन्द्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा अंग्रेजी के शब्दों और संक्षिप्ताक्षरों का उपयोग किए जाने को ‘बचकाना और अपरिपक्व’ बताया।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह के भाषण के कुछ देर बाद सपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश और देश भुखमरी, बेरोज़गारी, बेकारी, महंगाई और बदइंतज़ामी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में भाजपा नेता एबीसीडी व अक्षरों को जोड़कर बचकाने व अपरिपक्व शब्द बनाने में लगे हैं। इन बातों से न तो लोगों का पेट भरता है न घर चलता है। बाइस (2022) में जनता इनका ‘क्ष त्र ज्ञ’ कर देगी। #भाजपा_ख़त्म।”
जब उप्र व देश भुखमरी, बेरोज़गारी, बेकारी, महंगाई और बदइंतज़ामी के दौर से गुजर रहा है तब भाजपा के नेता एबीसीडी व अक्षरों को जोड़कर बचकाने व अपरिपक्व शब्द बनाने में लगे हैं। इन बातों से न तो लोगों का पेट भरता है न घर चलता है।
बाइस में जनता इनका क्ष त्र ज्ञ कर देगी। #भाजपा_ख़त्म
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 30, 2021
शाह द्वारा आज ‘निजाम’ और ‘लैब’ की नयी शब्दावली के उपयोग के बाद अखिलेश ने यह ट्वीट किया है। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा पर हमला बोलने के लिए ‘ट्रिपल पी’ की शब्दावली का उपयोग किया।
आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी जनसभाओं में शाह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता को बुआ-बबुआ-बहन का ”निजाम” नहीं चाहिए बल्कि उसने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शासन वापस लाने का मन बना लिया है।”
शाह ने कहा, ”बुआ-बबुआ-बहन की निजाम का मतलब है – एन से नसीमुद्दीन, आई से इमरान मसूद, जेडए से आजम खान और एम से मुख्तार अंसारी। उनका निजाम भ्रष्टाचार, अपराध, गुंडागर्दी और अराजकता का प्रतीक है।”
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी फिलहाल कांग्रेस में हैं और वह मायावती नीत राज्य की बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इमरान मसूद कांग्रेस नेता हैं। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान फिलहाल राज्य की रामपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक हैं।
शाह ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को एक नए प्रकार का लैब दिया, जिसका मतलब है एल से लूट, ए से आतंकवाद और बी से भ्रष्टाचार।